33 देशों में भारत की बात, सांसदों ने पीएम मोदी को बताया ‘सिंदूर’ का असर
प्रधानमंत्री मोदी सात प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों ने मुलाकात की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में वैश्विक मिजाज के बारे में जानकारी दी।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल (मल्टी-पार्टी डेलिगेशन) के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के उद्देश्य से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय राजधानियों का दौरा किया।
इस डेलिगेशन में वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक संयुक्त और दृढ़ संदेश देने का कार्य किया। कुल सात प्रतिनिधिमंडलों में 50 से अधिक सदस्य शामिल थे, जिनमें अधिकांश वर्तमान सांसद थे। इन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा कर भारत के पक्ष को मजबूती से रखा।
बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने अनुभव साझा किए और अपना फीडबैक भी दिया। केंद्र सरकार पहले ही इन प्रयासों की सराहना कर चुकी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पहले इन प्रतिनिधिमंडलों से भेंट की थी और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ उनके प्रयासों की सराहना की थी।
सरकार की ओर से चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडी(यू) के संजय झा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने किया। वहीं विपक्ष के तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने किया।
इस अभियान का उद्देश्य आतंकवाद के विरुद्ध भारत की नीति पर राष्ट्रीय एकता का संदेश देना था। दिलचस्प बात यह रही कि कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत के हितों की वैश्विक स्तर पर वकालत करते दिखे।प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और सलमान खुर्शीद जैसे अनुभवी नेताओं की भागीदारी ने इस प्रयास को और अधिक विश्वसनीय और प्रभावशाली बना दिया।