गाली देना तो विपक्ष की फितरत अब मैं गाली प्रूफ- नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनको जी भर कर गाली दी जाती रही है. लेकिन अब वो उससे मुक्त हो चुके हैं. अब किसी तरह का फर्क नहीं पड़ता.
Narendra Modi News: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मानना है कि उन्हें दुर्व्यवहार करने का अधिकार है और पिछले 24 वर्षों से लगातार दुर्व्यवहार झेलने के बाद वह गाली-प्रूफ बन गए हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल इतने हताश हो गए हैं कि अब गाली देना उनका स्वभाव बन गया है. एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जहां तक मोदी का सवाल है. पिछले 24 साल से लगातार गालियां खाने के बाद वो गाली-प्रूफ बन चुके हैं. उन्हें मौत का सौदागर और गंदी नाली का कीड़ा किसने कहा. उन्होंने अपने खिलाफ व्यक्तिगत हमलों पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि संसद में हमारी पार्टी के सदस्य ने गणना की और 101 गालियां गिनाईं, इसलिए चाहे चुनाव हो या न हो ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि केवल उन्हें ही गाली देने का अधिकार है और वे इतने निराश हो गए हैं कि अब गाली देना उनकी प्रकृति बन गई है.
'एजेंसियों का कोई दुरुपयोग नहीं'
पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं के आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्हें दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और कहा कि उनकी सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस होगा. उस व्यक्ति से पूछो जो यह कचरा फेंक रहा है, जो तुम कह रहे हो उसका प्रमाण क्या है. वो इस कचरे को खाद में बदल दूंगा और इससे देश के लिए कुछ अच्छी चीजें पैदा करूंगा. जब मनमोहन सिंह सत्ता में थे 10 साल में 34 लाख रुपए जब्त किए गए जबकि पिछले 10 साल में ईडी ने 2,200 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. जो देश में 2,200 करोड़ वापस लाया है.उसका सम्मान किया जाना चाहिए न कि दुर्व्यवहार.
भ्रष्टाचार विरोधी अभियान
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जिसका पैसा गया वह गाली दे रहा है. इसका मतलब है कि जिसका पैसा चुराने में हिस्सा है वह पकड़े जाने पर थोड़ा चिल्लाएगा...आज, एक सरपंच को यह अधिकार है चेकबुक पर साइन करते हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री के पास नहीं है.मोदी सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष से केंद्रीय जांच एजेंसियों के कामकाज में हस्तक्षेप के आरोपों पर उनके पास मौजूद सबूतों के बारे में पूछा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जांच एजेंसियों के काम में हस्तक्षेप नहीं करती है.