एक दशक बाद NDA को राज्यसभा में बहुमत, 12 सदस्य चुने गए निर्विरोध

राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े से दूर सत्तारूढ़ एनडीए ने आज यह मुकाम हासिल कर लिया. उच्च सदन के लिए भाजपा के 9 और सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए.

Update: 2024-08-27 16:43 GMT

Rajya Sabha by-elections: राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े से दूर सत्तारूढ़ एनडीए ने आज यह मुकाम हासिल कर लिया. उच्च सदन के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा के 9 सदस्य और सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए. 9 सदस्यों के साथ भाजपा की ताकत अब राज्यसभा में 96 हो गई है. वहीं, उच्च सदन में एनडीए के सदस्यों की संख्या 112 हो गई है.

निर्विरोध चुने जाने वाले तीन अन्य सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मंच के 1-1 सदस्य भी शामिल हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन को छह नामित और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस का भी एक सदस्य निर्वाचित हुआ, जिससे उच्च सदन में विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है.

बता दें कि राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं. हालांकि वर्तमान में आठ रिक्तियां हैं. इनमें से चार जम्मू-कश्मीर से और चार नामित हैं. सदन में वर्तमान में 237 सदस्यों के साथ बहुमत का आंकड़ा 119 है. निर्विरोध चुने गए भाजपा उम्मीदवारों में असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धीर शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्य शामिल हैं.

वहीं, तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए. एनसीपी अजित पवार गुट के नितिन पाटिल महाराष्ट्र से और आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा बिहार से उच्च सदन में पहुंचे. राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा, जिसके लिए एनडीए एक दशक से प्रयास कर रहा है, विवादास्पद विधेयकों को पारित करना आसान बना देगा.

पिछले कुछ वर्षों में विपक्ष की भारी संख्या ने अक्सर उच्च सदन में विवादास्पद सरकारी विधेयकों को रोक दिया है. इनमें से कुछ को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस जैसी गैर-गठबंधन पार्टियों की मदद से पारित किया जा सकता है. लेकिन अब, जब दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता खो रही हैं. एक भाजपा के पास और एक उसके सहयोगी चंद्रबाबू नायडू के पास तो उनके समर्थन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

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