NEET PG परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, दो शिफ्ट में परीक्षा की व्यवस्था को किया रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – दो पालियों में परीक्षा कराना मनमानी है और समान अवसर नहीं देता है.;
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नीट पीजी 2025 की परीक्षा एक ही पाली में होनी चाहिए। अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को निर्देश दिया है कि परीक्षा दो भागों में न कराई जाए क्योंकि इससे कुछ छात्रों को नुकसान हो सकता है और परीक्षा का स्तर एक जैसा नहीं रह पाता।
परीक्षा में समानता जरूरी है
कोर्ट ने कहा कि जब परीक्षा दो पालियों में होती है, तो सवालों का कठिनाई स्तर अलग-अलग होता है। इससे सभी को समान अवसर नहीं मिल पाता। इसलिए एक ही पाली में परीक्षा कराना जरूरी है।
2024 में बारिश और बार-बार परीक्षा टलने की वजह से परीक्षा दो पालियों में कराई गई थी। लेकिन इस बार कोर्ट ने कहा कि अभी भी समय है, एक पाली में परीक्षा कराने की तैयारी की जा सकती है।
छात्रों की दलील और कोर्ट की टिप्पणी
छात्रों ने कहा कि नीट-यूजी जैसी बड़ी परीक्षा में भी 20 लाख से ज्यादा छात्र एक ही दिन में परीक्षा देते हैं, तो नीट-पीजी में भी ऐसा हो सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आज के समय में देश में तकनीक और संसाधन इतने हैं कि एक पाली में परीक्षा कराना संभव है।
स्कोर सामान्य करने का तरीका ठीक नहीं
एनबीई ने कहा था कि अगर परीक्षा दो पालियों में होती है तो स्कोर को ‘नॉर्मलाइज’ किया जाएगा, यानी दोनों पालियों के अंकों को बराबर करने की कोशिश की जाएगी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि हर बार ऐसा करना सही तरीका नहीं है। हर सवाल पत्र एक जैसा नहीं हो सकता। इसलिए परीक्षा एक ही पाली में होनी चाहिए।
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। इस फैसले से छात्रों को राहत मिली है, क्योंकि अब परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी।