नीट रिजल्ट 2024: ग्रेस मार्क्स खारिज,1563 छात्रों को देना होगा री एग्जाम

नीट-यूजी रिजल्ट 2024 के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि ग्रेस मार्क्स को खारिज कर दिया गया है. 1563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-06-13 05:44 GMT

NEET-UG 2024:  नीट यूजी रिजल्ट 2024 को रद्द किए जाने के खिलाफ हजारों की संख्या में धरना और प्रदर्शन कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे उन्हें खारिज करने का फैसला किया गया है.यही नहीं उन 1563 छात्रों को दोबारा से परीक्षा देने का विकल्प दिया जा रहा है.  जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे उनके स्कोरकार्ड रद्द कर दिया जाएगा. इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा फिर कहा कि वो काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगा। काउंसलिंग जारी रहेगी और हम इसे नहीं रोकेंगे। अगर परीक्षा होती है तो सब कुछ पूरी तरह से होता है, इसलिए डरने की कोई बात नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का पक्ष

सरकार/एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1,563 से अधिक उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई है, जिन्हें एनईईटी-यूजी की परीक्षा में बैठने के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए 'ग्रेस मार्क्स' दिए गए थे। समिति ने 1,563 एनईईटी-यूजी 2024 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने का फैसला किया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और इन छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट ने बताया। परीक्षाएं 23 जून को आयोजित की जाएंगी और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे.

छात्रों ने  एग्जाम रद्द करने मांग की थी

नीट अंडरग्रेजुएट एग्जाम रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थी पिछले 10 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि नियमों की अनदेखी कर लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. छात्रों का आरोप है कि एनटीए द्वारा एग्जाम लेने वाली प्रक्रिया में शुरू से खोट नजर आई है. एनटीए भले ही अपने आपको पाक साफ और किसी तरह की धांधली से इनकार कर रहा हो. लेकिन सच्चाई तभी सामने आएगी जब देश की शीर्ष अदालत दखल देगी. इस विषय पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को नोटिस जारी कर कथित प्रश्नपत्र लीक और अन्य कदाचार के आधार पर नीट-यूजी, 2024 को नए सिरे से आयोजित करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा।

काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने हालांकि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सफल उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. नीट-यूजी, 2024 का आयोजन 5 मई को किया गया था और इसके परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे.14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।शीर्ष अदालत ने शिवांगी मिश्रा और अन्य द्वारा दायर याचिका को लंबित याचिका के साथ संलग्न कर दिया और एनटीए को इस बीच जवाब दाखिल करने को कहा.

याचिकाकर्ताओं के वकील ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया था. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीट-यूजी, 2024 कदाचार से भरा हुआ है क्योंकि पेपर लीक के विभिन्न मामले याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आए हैं।इसमें कहा गया है कि कथित पेपर लीक संविधान के तहत अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) का उल्लंघन है, क्योंकि इससे कुछ उम्मीदवारों को अन्य उम्मीदवारों की तुलना में अनुचित लाभ मिला, जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना है.

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