निमिषा प्रिया मामले में केंद्र सरकार का SC में बड़ा बयान, ‘बाहरी हस्तक्षेप से सार्थक नतीजा नहीं’

ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार ने कहा कि उन्होंने यमन के विद्वानों से संपर्क किया है और 38 वर्षीय निमिषा प्रिया की रिहाई पर विचार करने का आग्रह किया है।;

Update: 2025-07-18 12:49 GMT
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी 16 जुलाई को निर्धारित थी, जिसे भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल टाल दिया गया है

भारत सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए माफी दिलवाने की कोशिशें केवल उनके परिवार द्वारा ही की जानी चाहिए। सरकार का कहना है कि बाहरी संगठनों की भागीदारी से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल सकता।

केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड की निवासी 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। वर्ष 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, और नवंबर 2023 में देश की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उनकी अपील खारिज कर दी थी।

केंद्र सरकार की दलील

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटारमणि ने कोर्ट को बताया कि निमिषा के परिवार ने पहले ही एक पावर ऑफ अटॉर्नी नियुक्त कर रखा है और उन्हीं को ही पीड़ित के परिवार से बातचीत करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से सलाह दूंगा... उनके परिवार ने पावर ऑफ अटॉर्नी नियुक्त किया है। मेरा मानना है कि सिर्फ परिवार को ही इस मामले से संबंधित रहना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल हो, चाहे उसकी मंशा कितनी भी नेक क्यों न हो।"

ग्रैंड मुफ्ती की पहल और प्रतिक्रिया

इससे पहले भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार ने कहा था कि उन्होंने यमन के इस्लामिक विद्वानों से संपर्क किया है और निमिषा प्रिया की रिहाई पर विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि उनके हस्तक्षेप के बाद फांसी को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है।

मुफ्ती ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "इस्लाम में हत्या के स्थान पर 'दिया' (मुआवज़ा) देने की परंपरा भी है। मैंने यमनी पक्ष से 'दियात' स्वीकार करने का अनुरोध किया है, क्योंकि यहां उसका भुगतान करने के लिए लोग तैयार हैं। यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि मेरी अपील स्वीकार की जाए या नहीं। फांसी की तारीख 16 जुलाई थी, जिसे अब कुछ दिन आगे बढ़ा दिया गया है।"

विदेश मंत्रालय का जवाब

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने मुफ्ती की भागीदारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “जहां तक उस संस्था की भूमिका का सवाल है जिसका आपने ज़िक्र किया, मेरे पास साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है।”

निमिषा प्रिया वर्तमान में यमन की राजधानी सना'आ की एक जेल में बंद हैं, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। 16 जुलाई को उनकी फांसी की तारीख निर्धारित थी, जिसे भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल टाल दिया गया है।

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