परीक्षा में पारदर्शिता के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष की देखरेख में गठित किया गया हाई लेवल पैनल

पेपर लीक के आरोपों के बीच केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक हाई लेवल पैनल का गठन किया है, जो देश के पारदर्शी परीक्षाओं का संचालन करेगी. इस कमिटी की अध्यक्षता इसरो के पूर्व मुखिया डॉ के राधा कृष्णन को बनाया गया है

Update: 2024-06-22 10:44 GMT
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान 

Paper Leak: पेपर लीक के आरोपों के बीच केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक हाई लेवल पैनल का गठन किया है, जो देश के पारदर्शी परीक्षाओं का संचालन करेगा. इस पैनल के अध्यक्ष इसरो के पूर्व मुखिया डॉ के राधा कृष्णन को बनाया गया है, जिनके साथ इस कमिटी में कई विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे.

मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार ये कमिटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और नेशनल टेस्ट एजेंसी ( NTA ) की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी.


दो महीने के भीतर सौपेगी रिपोर्ट

मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट किया है कि ये हाई लेवल कमिटी दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी, जिसमें ये बताया जाएगा कि किस तरह से परीक्षाओं को फूलप्रूफ तरीके से पारदर्शी बनाया जा सकता है. NTA में किन किन चीजों पर काम किया जाना चाहिए ताकि कहीं कोई चुक न रहे, डाटा सुरक्षा को लेकर कौनसे जरुरी कदम उठाने चाहिए, इन सभी से जुड़े सुझाव इस रिपोर्ट का हिस्सा होंगे.

शुक्रवार को ही पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट, 2024 को लागू करने की अधिसूचना की गयी जारी

ज्ञात रहे कि पेपर लीक पर हो रहे हुम्गामे को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसी वर्ष फरवरी में पारित हुए पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट, 2024 को लागू कर दिया है . इस कानून में परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ 3 से 5 साल तक की सजा से लेकर 10 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. ये सजा और जुर्माना अलग अलग श्रेणी के आधार पर तय किये गए हैं, अगर ये पाया जाता है कि अपराध की संगठित की श्रेणी में किया गया है तो फिर सजा और जुरमाना अधिकतम रहेगा. इस कानून में क्या प्रावधान है और कौन कौन इसके दायरे में आता है, सब जानते है. ये भी जानते है कि ये कानून कब पारित हुआ.

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