One Nation One Election : केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में लगी मोहर
मोदी सरकार की कैबिनेट में बहुत बड़ा फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव पर मोहल लगा दी है.
One Nation One Election : केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में एक देश एक चुनाव पर मोहर लग चुकी है. अब इसे संसदे में पेश किया जाएगा. सबसे अहम बात ये है कि विपक्षी दलों का इस पर एक मत नहीं है, जिसकी वजह से केंद्र सरकार के इस फैसले पर विवाद होना लगभग तय माना जा रहा है.
अब से कुछ देर बाद केंद्र सरकार की तरफ से कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों पर भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
ये भी ध्यान देने वाली बात है कि अभी दो राज्यों के विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. कश्मीर में आज पहले राउंड की वोटिंग की जा रही है, वहीँ हरियाणा में प्रचार प्रसार जोरों पर है. ऐसे में विपक्षी दलों का रुख देखने वाला होगा.
100 दिन पूरे होते ही मोदी 3.0 सरकार ने उठाया बड़ा कदम
मोदी सरकार ने मंगलवार 17 सितम्बर को ही अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे किये हैं. मोदी 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये एलान किया था कि एक देश एक चुनाव को जल्द लागू किया जायेगा. वहीँ लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में एक देश एक चुनाव के वादे को जगह दी थी.
मार्च में सौंपी गयी थी कमिटी ने रिपोर्ट
एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी का गठन 2 सितंबर 2023 को हुआ था. लगभग 6 महीने के बाद कमिटी ने वन नेशन वन इलेक्शन के सन्दर्भ में अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट को तैयार करने में कई विशेषज्ञों और अलग अलग राजनीतिक दलों के लोगों से चर्चा की गयी. बताया गया है कि ये रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है. रिपोर्ट में सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक करने का सुझाव दिया गया है, ताकि अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही अन्य चुनाव भी कराए जा सकें.
ये फायदे बताए गए हैं एक देश एक चुनाव के
- चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च से बचत
- बार बार चुनाव कराने से निजात
- फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा
- बार-बार आचार संहिता का असर पड़ता है
- काले धन पर लगाम भी लगेगी