सीट 11A का रहस्य: कैसे एयर इंडिया हादसे में अकेला यात्री मौत को दे गया चकमा?

Ahmedabad Plane Crash: इस हादसे ने देश को झकझोर दिया है. एकमात्र जीवित यात्री विश्वाश कुमार रमेश की कहानी मानव जिजीविषा और चमत्कार की मिसाल बन गई है.;

Update: 2025-06-13 12:16 GMT

Air India Accident: अहमदाबाद में बेहद दर्दनाक विमान हादसे में जब सब कुछ तबाह हो गया, तब तबाही के मलबे से सिर्फ एक इंसान 40 साल के ब्रिटिश-भारतीय कारोबारी विश्वाश कुमार रमेश बाहर निकले. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने जैसे ही अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी, चंद सेकंड में ही क्रैश हो गई. 260 लोगों की मौत के बीच रमेश सीट 11A से चमत्कारिक रूप से बाहर निकले. जबकि, इस हादसे में 229 यात्री, 12 क्रू मेंबर और ज़मीन पर मौजूद 5 मेडिकल छात्रों की मौत हो गई.

विमान ने दोपहर 1:38 बजे रनवे 23 से टेकऑफ किया. शुरुआती चढ़ान के कुछ सेकंड बाद ही पायलट ने "Mayday" कॉल दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इंजन की आवाज़ असामान्य थी, जिसके तुरंत बाद विमान ने तेज़ी से गिरना शुरू कर दिया और फिर बीजे मेडिकल कॉलेज के एक हॉस्टल की इमारत से टकरा गया.

सीट 11A से बाहर निकली जिंदगी

सीट 11A विमान की इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति है, जो बिजनेस क्लास के ठीक पीछे और बाएं इमरजेंसी एक्जिट के पास है. जब विमान ज़मीन से टकराया तो विमान का अगला हिस्सा हॉस्टल की ग्राउंड फ्लोर से जा टकराया. जिंदा बचे रमेश का कहना है कि वह जिस तरफ बैठे थे, वो हिस्सा ज़मीन के फ्लोर पर गिरा. एक जगह से दरवाज़ा टूटा, उन्होंने खाली जगह देखी और वहीं से कूद गया. उनकी किस्मत अच्छी थी — विमान के विपरीत हिस्से में दीवार से टकराकर मलबा और आग फैल गई थी. वहां बैठे सभी यात्री मारे गए. रमेश ने कहा कि उन्हें नहीं पता कैसे बच गए. सब कुछ उनकी आंखों के सामने हुआ. उन्होंने एयर होस्टेस और बाकी सबको मरते देखा.

अस्पताल में इलाज

विश्वाश कुमार रमेश को अहमदाबाद सिविल अस्पताल के वार्ड B7 के बेड 11 में भर्ती कराया गया है. गुजरात एटीएस और क्राइम ब्रांच उनके सुरक्षा में तैनात हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह दुर्घटनास्थल का दौरा किया और फिर अस्पताल जाकर रमेश से मुलाकात की.

Tags:    

Similar News