मोदी-पुतिन की फोन पर बातचीत, रणनीतिक साझेदारी पर जताया भरोसा
Modi-Putin talks: यह बातचीत ऐसे समय में हुई, जब एक दिन पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मॉस्को में पुतिन और अन्य वरिष्ठ रूसी अधिकारियों से मुलाकात की थी।;
India-Russia strategic partnership: अमेरिका द्वारा रूसी तेल की खरीद पर भारत पर पेनल्टी टैरिफ लगाने के बीच भारत और रूस ने अपने पुराने और भरोसेमंद संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। मैंने उन्हें यूक्रेन को लेकर हालिया घटनाक्रम साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। हमने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की भी समीक्षा की और विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस साल के अंत में पुतिन की भारत यात्रा का इंतजार कर रहे हैं।
यह बातचीत ऐसे समय में हुई, जब एक दिन पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मॉस्को में पुतिन और अन्य वरिष्ठ रूसी अधिकारियों से मुलाकात की थी। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई। डोभाल ने कहा कि इस विशेष रणनीतिक साझेदारी की भूमिका आज के अनिश्चित माहौल में और भी महत्वपूर्ण हो गई है। वहीं रूस के उनके समकक्ष सर्गेई शोइगु ने कहा कि रूस भारत के साथ सहयोग करना चाहता है, ताकि एक अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके और आधुनिक चुनौतियों और खतरों से मिलकर निपटा जा सके।
इससे एक दिन पहले बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया, जो रूसी तेल की खरीद जारी रखने के कारण था। यह टैरिफ गुरुवार से प्रभावी हो गया, जो पहले से लगाए गए 25% टैरिफ के अतिरिक्त है।
ट्रंप ने बीते कुछ दिनों में भारत और रूस के बीच व्यापारिक एवं ऊर्जा संबंधों को लेकर कड़ी आलोचना की और नई दिल्ली पर रूसी तेल की खरीद में कटौती करने का दबाव बनाया। भारत के सशस्त्र बलों की 60% से अधिक आवश्यकताएं रूस से पूरी होती हैं, वहीं वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत की ऊर्जा जरूरतों का 35% हिस्सा रूस ने पूरा किया है। भारत ने अपनी ऊर्जा खरीद का बचाव करते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना की है कि जब अन्य देश भी रूसी ऊर्जा खरीद रहे हैं, तब केवल भारत को निशाना बनाना अनुचित है।
फोन पर बातचीत के बाद भारत सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रमों की जानकारी दी, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें धन्यवाद दिया। मोदी ने दोहराया कि भारत का रुख हमेशा शांतिपूर्ण समाधान का रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को वर्ष 2025 में भारत में होने वाले 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। डोभाल ने गुरुवार को कहा था कि पुतिन की यात्रा की तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं।
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ़ के साथ अपनी बैठक के प्रमुख निष्कर्षों से अवगत कराया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, अर्थव्यवस्था और निवेश सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
रूसी राष्ट्रपति के सलाहकार यूरी उशाकोव के अनुसार, पुतिन और विटकॉफ़ की बातचीत के दौरान यह सहमति बनी कि पुतिन और ट्रंप के बीच बैठक की योजना बनाई जाए। उशाकोव ने कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के अलावा, रूस और अमेरिका अपने संबंधों को "पूरी तरह से नए, परस्पर लाभकारी आधार" पर स्थापित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। यह बयान ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर प्रभावी रूप से 50% टैरिफ लगाए जाने के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
मोदी ने कहा कि हमारे किसानों के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं तैयार हूं। आज का भारत अपने कृषि समुदाय की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा। सरकार ने ट्रंप के इस कदम को अनुचित, अकारण और अनुचित बताया है और कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों की हर हाल में रक्षा करेगी।