आज शाम 5 बजे पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन, सबकी टिकी नजर
PM Modi का यह भाषण ऐसे समय पर हो रहा है, जब कल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस शुभ अवसर पर महंगाई कम करने से जुड़ी कुछ घोषणाएं कर सकते हैं.
Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 21 सितंबर को शाम 5 बजे देश को संबोधित करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि वे GST (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े बड़े सुधारों की जानकारी दे सकते हैं. हालांकि, अभी तक इस संबोधन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
नवरात्रि से पहले बड़ा तोहफ़ा
पीएम मोदी का यह भाषण ऐसे समय पर हो रहा है, जब कल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस शुभ अवसर पर महंगाई कम करने से जुड़ी कुछ घोषणाएं कर सकते हैं, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है.
GST 2.0
सरकार ने GST 2.0 के तहत टैक्स स्लैब को सरल बनाते हुए कुछ बड़े बदलाव किए हैं. अब सिर्फ दो स्लैब रहेंगे – 5% और 18%. 12% और 28% के टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया गया है. पहले जो चीजें 12% स्लैब में थीं, उन्हें अब 5% स्लैब में डाल दिया गया है. 28% वाले ज़्यादातर प्रोडक्ट अब 18% टैक्स में आएंगे. कुछ जरूरी चीजों पर अब 0% GST लगेगा यानी वे पूरी तरह टैक्स फ्री होंगी. यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे, जिससे कई सामानों की कीमतें घटने की संभावना है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बोल सकते हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी का यह संबोधन वैश्विक हालात के बीच भी अहम माना जा रहा है. हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा है. इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं:-
1. रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ और 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है.
2. H-1B वीज़ा के नए आवेदन पर अमेरिका ने शुल्क बढ़ाकर 1 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया है.
भारतीयों में बढ़ी चिंता
इस फैसले से अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों, खासकर H-1B वीज़ा धारकों के बीच चिंता का माहौल है. हालांकि, अमेरिकी सरकार ने साफ किया है कि यह शुल्क सिर्फ नए आवेदन पर लागू होगा. जो लोग पहले से अमेरिका में हैं या जो बाहर हैं और लौटना चाहते हैं, उन पर यह लागू नहीं होगा.
मोदी का आत्मनिर्भर भारत पर ज़ोर
शनिवार को दिए एक बयान में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है – "दूसरे देशों पर निर्भरता". उन्होंने कहा कि भारत को अब खुद पर निर्भर होना होगा, खासकर सेमीकंडक्टर निर्माण, जहाज निर्माण और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में.