Hindu rate: हिंदू जीवन शैली को हिंदू दर कहकर बदनाम किया जा रहा है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले की व्यवस्थाओं को अपने नागरिकों पर भरोसा नहीं था। हमारी सरकार ने उस तरीके को तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग भारत की पिछली धीमी विकास दर को हिंदू दर के रूप में जोड़कर हिंदू जीवन शैली को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब दुनिया विभाजित है, भारत पुल बनाने वाला देश बनकर उभर रहा है। हम उस मोड़ पर हैं, जहां 21वीं सदी का एक-तिहाई भाग गुजर चुका है और दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। जैसे वित्तीय संकट, वैश्विक महामारी आदि। ये परिस्थितियां दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण रहीं। आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है। लेकिन इसके बीच हमारा भारत एक अलग लेग में दिखाई दे रहा है। भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। जब दुनिया मंदी की बात करती है, भारत विकास की कहानियां लिखता है। जब दुनिया का विश्वास संकट में होती है, भारत भरोसे का स्तंभ बनता है।
पूर्व सरकार पर तंज
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले की व्यवस्थाओं को अपने नागरिकों पर भरोसा नहीं था। हमारी सरकार ने उस तरीके को तोड़ दिया। अब एक नागरिक के खुद प्रमाणित दस्तावेज से उसकी प्रामाणिकता साबित हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी सरकार का सबसे बड़ा पहलू उसके ऊपर नागरिकों का भरोसा है। हमें देश को हर कोने से औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त करना है। मैं अगले 10 वर्षों के विज़न के साथ नागरिकों को आगे ले जाना चाहता हूं।
सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अब कई सरकारी प्रक्रियाओं के लिए स्वयं प्रमाणन (Self-Attestation) पर्याप्त होगा। यह कदम लालफीताशाही कम करने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि ये सुधार जन विश्वास बिल प्रावधानों का हिस्सा हैं, जिसमें सामान्य लोगों पर बोझ कम करने के लिए मामूली नियमों को अपराधमुक्त करना भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने बिना गारंटी के ऋणों के बदलावकारी प्रभाव पर जोर दिया और बताया कि अब तक 37 लाख करोड़ रुपये छोटे विक्रेताओं, ठेले वालों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग केवल 1,000 रुपये मांगते हैं, उन्हें भी बिना गारंटी लोन मिल रहा है। यही शासन है, जो अपने लोगों पर भरोसा करता है। उन्होंने वित्तीय समावेशन पर सरकार के ध्यान को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने अवितरित धन से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े साझा किए – बैंकों में 78,000 करोड़ रुपये, बीमा कंपनियों में 14,000 करोड़ रुपये, म्यूचुअल फंड में 3,000 करोड़ रुपये और लाभांश में 9,000 करोड़ रुपये पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने नागरिकों को उनका अधिकार संपत्ति वापस दिलाने के लिए जिला स्तर पर विशेष शिविर शुरू किए हैं और अब तक हजारों करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मोदी अपने लोगों को उनके मेहनत के पैसे वापस दिलाने के लिए खोज रहा है। उन्होंने जनता का भरोसा वापस लाने को सरकार की सबसे बड़ी पूंजी बताया।
औपनिवेशिक मानसिकता को खत्म करने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत अपील करते हुए कहा कि नागरिक 2035 तक 'मैकाले की दासता मानसिकता' छोड़ें। उन्होंने कहा कि मैं यह बिना देशवासियों के सहयोग के नहीं कर सकता। हमें दूसरों के पदचिन्हों का अनुसरण नहीं करना है – हमें अपनी राह बड़ी बनानी है। सभी बाधाओं के बावजूद हमें आगे बढ़ना है।