पुतिन की भारत यात्रा से अमेरिका के साथ संबंधों में कोई असर नहीं: जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के तहत व्यापार नीति का केंद्र बिंदु है। भारत इन मुद्दों पर चर्चा करने और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार है, लेकिन अपने हितों और प्राथमिकताओं के अनुसार उचित शर्तों पर ही।

Update: 2025-12-06 16:52 GMT
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में कोई जटिलता नहीं आएगी। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले के कारण तनाव में हैं। इसमें से 25 प्रतिशत शुल्क भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर लगाए गए प्रतिशोधी शुल्क हैं, जिन्हें ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध में मास्को के वित्तपोषण का एक मुख्य स्रोत बताया था।

जयशंकर ने यह भी कहा कि पुतिन की यात्रा ने भारत और रूस को अपने आर्थिक संबंधों को फिर से मजबूत और कल्पनाशील बनाने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि भारत-रूस के आर्थिक संबंध पिछड़े हुए थे। यह (पुतिन) यात्रा इस संबंध को फिर से आकार देने और उन पहलुओं को मजबूत करने के बारे में थी जो अब तक कमी में थे।

रूस, भारत का भरोसेमंद साथी

जयशंकर ने कहा कि वर्तमान भूराजनीतिक परिदृश्य में भारत के लिए मजबूत संबंध बनाए रखना जरूरी है और रूस इस दिशा में एक भरोसेमंद साथी है। जयशंकर ने कहा कि हमारे जैसे बड़े देश के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे प्रमुख रिश्ते अच्छी स्थिति में हों। यह जरूरी है कि हम अधिक से अधिक देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें। यही विदेश नीति का सार है।

हसीना की प्रत्यर्पण याचिका

विदेश मंत्री ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कहा कि यह मामला हसीना के निर्णय पर निर्भर है। हसीना वर्तमान में भारत में निर्वासन में हैं, जो 2024 के छात्र-आधारित विरोध प्रदर्शन के बाद हुआ। जयशंकर ने कहा कि वे अलग परिस्थितियों में आईं, अब परिस्थितियां अलग हैं। इसे तय करना उनका अधिकार है। हाल ही में, हसीना और अन्य अवामी लीग नेताओं को ढाका की एक न्यायाधिकरण द्वारा छात्रों के आंदोलन के दौरान विरोधियों पर सरकारी कार्रवाई से जुड़े "मानवता के खिलाफ अपराध" के आरोप में मृत्यु दंड सुनाया गया है।

पाकिस्तान की सेना पर तंज

जयशंकर ने पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फील्ड मार्शल असिम मुनीर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ सैन्य नेता अच्छे होते हैं और कुछ उतने अच्छे नहीं। भारत-चीन संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद सीमा पर स्थिति काफी हद तक स्थिर रही है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2024 के बाद, जब PM मोदी और राष्ट्रपति शी की कझन बैठक हुई, उसके बाद सीमा क्षेत्रों में शांति बनी हुई है। गश्त सामान्य रूप से हो रही है। सीमा पर शांति और स्थिरता अच्छे संबंधों के लिए जरूरी है।

भारत-अमेरिका संबंध और व्यापार नीति

जयशंकर ने कहा कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के तहत व्यापार नीति का केंद्र बिंदु है। उन्होंने कहा कि अब वॉशिंगटन में नीति निर्धारण में आर्थिक विचारों का प्रभुत्व है। भारत इन मुद्दों पर चर्चा करने और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार है, लेकिन अपने हितों और प्राथमिकताओं के अनुसार उचित शर्तों पर ही। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि कूटनीति का उद्देश्य हर साझेदार को खुश करना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति को देश और उसके नागरिकों के हितों के अनुसार तय किया जाना चाहिए, और यही प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांत है।

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