रूस-ऑस्ट्रिया के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को पांच वर्षों में अपनी पहली मास्को यात्रा पर रवाना हो गए हैं. यहां से वह ऑस्ट्रिया जाएंगे.

Update: 2024-07-08 10:04 GMT

PM Modi left for Russia Austria: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार (8 जुलाई) को पांच वर्षों में अपनी पहली मास्को यात्रा पर रवाना हो गए हैं. यहां वह और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के साथ-साथ वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के कुछ नए क्षेत्रों पर बातचीत करेंगे.

रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्रों में आगे बढ़ी है. मैं अपने मित्र पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करने के लिए उत्सुक हूं. हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक भूमिका निभाना चाहते हैं.

बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से यह मोदी की पहली रूस यात्रा भी है.

ऑस्ट्रिया यात्रा

मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों पर विचार करेंगे. रूस के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे, जो 40 साल से भी ज़्यादा समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी. वह 9 और 10 जुलाई को वियना में रहेंगे. मोदी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर के साथ चर्चा करेंगे.

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि ऑस्ट्रिया हमारा दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार है और हम लोकतंत्र और बहुलवाद के आदर्शों को साझा करते हैं. मैं नवाचार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास के नए और उभरते क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए अपनी चर्चाओं की प्रतीक्षा कर रहा हूं.

व्यापार और निवेश वार्ता

पीएम मोदी ने कहा कि वह पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार और निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए दोनों पक्षों के व्यापारिक नेताओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. मॉस्को और वियना दोनों जगहों पर मोदी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे. मोदी की मास्को यात्रा से पहले क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि एजेंडा व्यापक होगा. भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. वार्षिक शिखर सम्मेलन भारत और रूस में बारी-बारी से आयोजित किये जाते हैं. पिछली शिखर वार्ता 6 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई थी. इसमें भाग लेने के लिए पुतिन भारत आए थे. मोदी और पुतिन ने पिछली बार सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की थी.

एजेंडा

इस बीच मास्को में भारतीय राजदूत ने कहा कि पुतिन के साथ मोदी की वार्ता से कई क्षेत्रों में ठोस परिणाम मिलने की उम्मीद है. राजदूत विनय कुमार ने कहा कि व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग और कनेक्टिविटी पर व्यापक बातचीत मॉस्को में चर्चा का मुख्य केंद्र होगी. यह दोनों देशों के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठकों का हिस्सा है और इसलिए इसका एजेंडा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर केंद्रित होगा. हमारे पास दस्तावेजों का एक सेट है, जिस पर हम काम कर रहे हैं. इनमें से कुछ समझौते व्यापार और आर्थिक संबंधों से संबंधित हैं और कुछ नए क्षेत्रों जैसे कनेक्टिविटी, वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान से भी संबंधित है. इसलिए उम्मीद है कि इनमें से कई क्षेत्रों में हमें ठोस नतीजे मिलेंगे.

कुमार ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत के विरुद्ध व्यापार असंतुलन एक प्रमुख क्षेत्र है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसलिए हम इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे और कमोडिटी के साथ-साथ मात्रा के हिसाब से व्यापार बास्केट का विस्तार करने पर भी काम करेंगे.

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