PM मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के बीच अहम बातचीत, यूक्रेन युद्ध से लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा
Modi Macron Call: भारत और फ्रांस दोनों ही वैश्विक मंच पर बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के समर्थक माने जाते हैं. दोनों देश अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की वकालत करते हैं.;
India-France Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस के बीच भरोसेमंद और बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया. बातचीत के दौरान रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, शिक्षा, अंतरिक्ष सहित कई अहम क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच विशेष रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर गहन चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने युद्ध को समाप्त करने और शांति स्थापित करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई. हमने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा और सकारात्मक मूल्यांकन किया. यूक्रेन में संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों सहित अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी.
पिछली बातचीत में भी उठे थे वैश्विक मुद्दे
गौरतलब है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच इससे पहले 21 अगस्त को भी फोन पर बातचीत हुई थी. उस समय दोनों नेताओं ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों पर चर्चा की थी. राष्ट्रपति मैक्रों ने वाशिंगटन में हुई यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं की बैठकों की जानकारी भी साझा की थी. बातचीत के दौरान व्यापार, रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की गई थी. दोनों देशों ने 2026 को "भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष" के रूप में मनाने की प्रतिबद्धता दोहराई थी.
बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के पक्षधर
भारत और फ्रांस दोनों ही वैश्विक मंच पर बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के समर्थक माने जाते हैं. दोनों देश अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की वकालत करते हैं.