मणिपुर में हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं कम, अधिकांश हिस्से में खुले हैं स्कूल-ऑफिस: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपने जवाब के दौरान मणिपुर की स्थिति के बारे में बात की.

Update: 2024-07-03 11:32 GMT

PM Modi Rajya Sabha Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपने जवाब के दौरान मणिपुर की स्थिति के बारे में बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में हिंसा लगातार कम हो रही है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में स्कूल फिर से खुल गए हैं, साथ ही पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही हैं.

बता दें कि पिछले साल 3 मई से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच झड़पें हुई हैं, जिसमें अब तक कम से कम 225 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 50,000 लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से कई अभी भी राहत केंद्रों में रह रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार मणिपुर में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. मणिपुर में 11,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं. 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया. हमें यह स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं और अधिकांश हिस्सों में आज स्कूल, कॉलेज और कार्यालय खुले हैं.

संविधान का किया अपमान

उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि जब मैंने लोकसभा में कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे. मुझे आश्चर्य है कि जो लोग (विपक्ष) आज संविधान की प्रति लेकर उछल रहे हैं, उन्होंने तब इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जब 26 जनवरी पहले से ही है तो संविधान दिवस लाने की क्या जरूरत थी. विपक्ष ने भारतीय संविधान की भावना का अपमान किया है. उन्होंने जो शपथ ली है, उसका अनादर किया है.

पचा नहीं पा रहे जनादेश

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष 140 करोड़ देशवासियों द्वारा दिए गए जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं. कल उनकी सारी कोशिशें विफल हो गईं, इसलिए आज उनके पास उस लड़ाई को लड़ने की ताकत नहीं है. इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए हैं (विपक्ष के वॉकआउट पर).

बंगाल की घटना

उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर विपक्ष का रवैया बहुत चिंताजनक है. कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर बंगाल का एक वीडियो देखा. एक महिला को सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा था, कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, बल्कि वे वीडियो बना रहे थे. वहीं, जो खुद को प्रगतिशील महिला नेता मानते हैं, वे भी सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि उनका किसी खास पार्टी या राज्य से संबंध है. इससे न सिर्फ देश की जनता आहत हुई है, बल्कि हमारी माताओं और बहनों को इससे कहीं ज्यादा तकलीफ हुई है.

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