पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा स्थिति पर मंथन

India-Pakistan relations: भारत और पाकिस्तान ने हाल ही में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी. लेकिन शनिवार रात भारत ने पाकिस्तान पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया.;

Update: 2025-05-11 09:46 GMT

Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे. यह बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के एक दिन बाद हुई, जब कुछ ही घंटों में हालात फिर बिगड़ गए. बैठक में सुरक्षा, सीमा पार से हो रही गतिविधियों और भारत की जवाबी कार्रवाई की समीक्षा की गई.

जवाबी कार्रवाई की बड़ी योजना

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था. इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.

इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन हमलों के जरिए जवाबी कार्रवाई की गई. हालांकि, भारतीय रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया. लेकिन इससे दोनों परमाणु शक्तियों के बीच तनाव और बढ़ गया.

संघर्ष विराम पर संदेह बरकरार

भारत और पाकिस्तान ने हाल ही में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी. लेकिन शनिवार रात भारत ने पाकिस्तान पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया. भारत ने पाकिस्तान से "गंभीरता और ज़िम्मेदारी" के साथ हालात से निपटने और उचित कदम उठाने की मांग की. हालांकि, कुछ घंटों बाद स्थिति शांत होती नजर आई. लेकिन सीमावर्ती इलाकों में लोग अब भी भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में हुई गोलाबारी और ड्रोन हमलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने का प्रयास करेंगे. हालांकि, भारत ने हमेशा कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानते हुए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है.

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