Digital Arrest: 'बदमाशों का गिरोह है', PM ने खुद बताया कैसे रहें सुरक्षित
मन की बात में पीएम मोदी ने वैसे तो कई मुद्दों पर बात की। लेकिन उन्होंने डिजिटल अरेस्ट पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी एजेंसी फोन पर पूछताछ का काम नहीं करती है।
बदलते समय के साथ अब अपराध के तरीकों में भी बदलाव आ रहे हैं। पहले घर के अंदर सेंध लगाना, छिनैती और लूटपाट की घटनाएं अधिक होती थीं। लेकिन अब हर हाथों में फोन है, फोन का जहां फायदा और वहीं नुकसान भी। कभी व्हाट्सऐप हैक हो जा रहा है तो कभी फेसबुक। जालसाज अलग अलग तरीके से ठगी कर रहे हैं जिसमें इस समय डिजिटल अरेस्ट खास है। इसके शिकंजे में पढ़े लिखे हों या कम पढ़े लिखे सभी लोग शिकार बन जा रहे हैं। हाल ही में आपने वर्धमान ग्रुप के एमडी के डिजिटल अरेस्ट की खबर पढ़ी होगी। जालसाजों ने 7 करोड़ की ठगी की थी। अच्छी बात यह कि उन्होंने समय पर शिकायत की और ना सिर्फ ठगी करने वाले पकड़े गए बल्कि बड़ी रकम की बरामदगी हुई। इस विषय को पीएम मोदी में मन की बात में उठाया है।
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट फरेब है। कोई भी एजेंसी फोन पर किसी से पूछताछ नहीं करती है। Digital arrest जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है, ये सिर्फ fraud है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं।Digital arrest के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियाँ, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए National Cyber Co-ordination Centre की स्थापना की गई है।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए पीएम मोदी ने तीन स्टेप का भी जिक्र किया। मसलन पहले रुको, सोच और उसके बाद कार्रवाई करो। मन की बात में उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के शिकार हर वर्ग और उम्र के लोग हैं। डर की वजह से लोग मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा दे रहे हैं।
पहला चरण
कभी भी आपको इस तरह की कॉल का सामना करना पड़े तो आप यह स्पष्ट तौर पर दजान लें कोई भी एजेंसी फोन कॉल या वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती है।
दूसरा चरण
अगर कॉल आए तो घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कदम ना उठाएं। किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी ना दें।
तीसरा चरण
एक्शन लो, राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करे, cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें।