पीएम 'भारत का संविधान' नहीं, बल्कि 'संघ का विधान' समझते हैं, संसद में गरजी प्रियंका

Priyanka Gandhi speech: प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव इस तरह से नहीं होते तो भाजपा संविधान को बदलने पर काम करना शुरू कर देती.;

Update: 2024-12-13 12:12 GMT

debate on Constitution: केरल के वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने शुक्रवार को संविधान पर बहस (Constitution debate) के दौरान संसद में अपना पहला भाषण दिया. इस दौरान प्रियंका ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और जातीय जनगणना, अडानी मुद्दे, देश की एकता जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस बहस में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने संविधान के निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान को उजागर करने के लिए उनका हवाला दिया और कहा कि संविधान एक 'सुरक्षा कवच' है. लेकिन सत्तारूढ़ दल ने इसे तोड़ने के सभी प्रयास किए हैं.

प्रियंका (Priyanka Gandhi) ने लोकसभा चुनावों में भाजपा की कम सीटों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे उन्हें संविधान के बारे में अधिक बार बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अगर लोकसभा चुनाव इस तरह से नहीं होते तो भाजपा संविधान को बदलने पर काम करना शुरू कर देती. गांधी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम "भारत का संविधान" नहीं बल्कि "संघ का विधान" समझते हैं. गांधी ने सरकार द्वारा शुरू की गई लेटरल एंट्री योजना को भी देश में आरक्षण को कमजोर करने के प्रयास के रूप में पेश किया, जिस पर अभी जेपीसी विचार-विमर्श कर रही है.

अपनी पार्टी के रुख को दोहराते हुए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सभी की स्थिति जानने और उसके अनुसार नीतियां बनाने के लिए देश भर में जाति जनगणना की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जब पूरा विपक्ष जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहा था तो उन्होंने मवेशियों और 'मंगलसूत्र' की चोरी की बात की.

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधने के लिए अडानी मुद्दे (Adani issue) को भी उठाया और कहा कि वह सदन में उद्योगपति के खिलाफ अमेरिकी आरोप पर बहस करने के लिए तैयार नहीं है. गांधी ने मोदी सरकार पर आम लोगों की तुलना में बड़े व्यापारिक हितों का पक्ष लेने का आरोप लगाया और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने उन्हें सब कुछ बेच दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 1.4 अरब लोगों की अनदेखी की जा रही है. जबकि सारी संपत्ति, बंदरगाह, सड़कें, खदानें उसे दे दी गई हैं.

गांधी (Priyanka Gandhi)ने चल रही राजनीतिक बहस को हल करने के लिए मतदान कराने का सुझाव देते हुए कहा कि मतदान के जरिए चुनाव कराएं और सच्चाई सामने आ जाएगी. संविधान ने लोगों को यह पहचानने की ताकत दी कि उन्हें न्याय का अधिकार है और वे सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम हैं. हमारा स्वतंत्रता संग्राम दुनिया में अनूठा था. क्योंकि यह सत्य, अहिंसा पर आधारित था. भाजपा अतीत की बात करती है, उन्हें यह बताना चाहिए कि वे अब क्या कर रहे हैं. क्या नेहरू हर चीज के लिए जिम्मेदार हैं? नेहरू का नाम किताबों और भाषणों से मिटाया जा सकता है. लेकिन स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को नहीं मिटाया जा सकता है.

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