आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राहुल गांधी बोले – बेजुबानों को मिटाने की जरूरत नहीं
Stray Dogs India: एक ओर सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों से बढ़ते खतरे को रोकना चाहती है तो दूसरी ओर राहुल गांधी जैसे नेता इस मुद्दे पर करुणा और संवेदनशीलता की वकालत कर रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और स्थानीय निकाय इस आदेश को कैसे लागू करते हैं.;
Supreme Court India: देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या पर सख्ती दिखाते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि इन कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़कर नसबंदी की जाए और स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखा जाए.
कोर्ट के आदेश:-
⦁ 8 हफ्तों के भीतर शेल्टर होम बनाए जाएं.
⦁ 6 हफ्तों में 5000 कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू किया जाए.
⦁ संवेदनशील इलाकों से कार्रवाई की शुरुआत हो.
⦁ यदि कोई इस प्रक्रिया में बाधा डालता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को रेबीज से हुई मौतों और आवारा कुत्तों के हमलों को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए इस मामले में स्वतः संज्ञान (Suo Moto) लिया था.
राहुल गांधी का विरोध
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश एक मानवीय और वैज्ञानिक सोच से पीछे हटना है. ये बेजुबान हमारी समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटा दिया जाए.
राहुल गांधी ने कहा कि नसबंदी, वैक्सीनेशन, शेल्टर और कम्युनिटी केयर ही ऐसे समाधान हैं, जो बिना क्रूरता के सड़कों को सुरक्षित रख सकते हैं. एक साथ सभी कुत्तों को हटाना एक क्रूर, अदूरदर्शी और संवेदनहीन निर्णय है. हम जनसुरक्षा और पशु कल्याण दोनों को साथ लेकर चल सकते हैं.