महादेवपुरा डेटा के साथ राहुल का 'वोट चोरी' का बड़ा आरोप, क्या चुनाव बहिष्कार करेगी कांग्रेस?

कांग्रेस ने कहा कि हम जल्द ही मीडिया को जानकारी देंगे कि आगे क्या योजना है। राहुल जल्द बिहार जाएंगे और SIR (Special Intensive Revision) पर भी बात करेंगे।;

Update: 2025-08-07 17:49 GMT

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (7 अगस्त) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग (EC) और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में बीते लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता सूची में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां की गईं। राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास इसका "ब्लैक एंड व्हाइट प्रूफ" है कि "भारत में चुनाव चुराए जा रहे हैं"। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे इसका खुलासा करेंगे तो यह "परमाणु बम फोड़ने" जैसा होगा। हालांकि, उनका यह प्रेसर उतना विस्फोटक साबित नहीं हुआ। क्योंकि वे यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि अब कांग्रेस पार्टी आगे क्या करने वाली है।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब तक चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होता, तब तक चाहे चुनाव ईवीएम से हों या बैलट पेपर से — कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने चुनावी लोकतंत्र को मृत घोषित करते हुए कहा कि अब भारत में लोकतंत्र नहीं बचा।

महादेवपुरा सीट बना बड़ा सबूत

राहुल गांधी ने अपनी 72 मिनट लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में साफ किया कि वे जो डेटा पेश कर रहे हैं, वह केवल एक विधानसभा क्षेत्र बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले महादेवपुरा का है। उनका दावा था कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने वहां मतदाता सूची की हर प्रविष्टि को फिजिकली वेरिफाई किया है। राहुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के साथ मिलीभगत कर न सिर्फ महादेवपुरा में, बल्कि देशभर की कई सीटों पर इसी तरह मतदाता सूची में हेरफेर की।

मुख्य आरोप

* फर्जी वोटर जोड़े गए

* एक ही वोटर को कई बूथों पर पंजीकृत किया गया

* फर्जी पते, बिना फोटो पहचान पत्र वाले वोटर

* एक ही पते पर भारी संख्या में वोटर

* फॉर्म 6 का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से नाम जोड़े गए

राहुल ने एक दस्तावेज "वोट चोरी" नाम से जारी किया, जिसमें ये सारे आरोप दर्ज हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि महादेवपुरा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान को बीजेपी के पीसी मोहन ने 32,707 वोटों से हराया। राहुल का दावा था कि यह हार इसलिए हुई। क्योंकि सिर्फ महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 1,14,046 वोटों की बढ़त मिली — जबकि बाकी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था। राहुल ने बताया कि बीते 6 महीनों में कांग्रेस की 30 से 40 लोगों की टीम ने महादेवपुरा की वोटर लिस्ट को गहराई से खंगाला। चुनाव आयोग ने उन्हें "मशीन रीडेबल" फॉर्मेट में वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्होंने फिजिकल लिस्ट को मैनुअली चेक किया।

जांच

* 11,965 वोटर ऐसे पाए गए, जो कई बूथों पर पंजीकृत थे।

* 4,132 वोटर बिना वैध फोटो आईडी के लिस्ट में जोड़े गए।

* 10,452 वोटर एक ही पते पर रजिस्टर्ड थे।

* 40,009 वोटर फर्जी या अमान्य पते के साथ पंजीकृत थे।

* 33,692 वोटर फॉर्म 6 के दुरुपयोग से जोड़े गए।

राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन आंकड़ों का पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिखाया और कुछ फिजिकल रजिस्टर भी मीडिया को दिखाए।

चौंकाने वाले खुलासा

राहुल गांधी ने कुछ प्रत्यक्ष उदाहरण भी पेश किए, जिनसे उन्होंने अपने आरोपों को और मज़बूत करने की कोशिश की। गुरकीरत सिंह डंग व्यक्ति का नाम महादेवपुरा में चार अलग-अलग बूथों में दर्ज पाया गया। राहुल ने दस्तावेज़ दिखाकर दावा किया कि यह एक स्पष्ट धोखाधड़ी का मामला है। आदित्य श्रीवास्तव न केवल महादेवपुरा के कई बूथों में रजिस्टर्ड थे, बल्कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं में भी उनका नाम वोटर लिस्ट में मिला।

एक कमरा, 80 वोटर

एक कमरे का मकान, जिसका फोटो भी दिखाया गया, वहां से 80 वोटर रजिस्टर्ड पाए गए। राहुल ने कहा कि यह कैसे संभव है? 80 लोग एक कमरे में कैसे रह सकते हैं?

153 बीयर क्लब

एक पब को पता बनाकर 68 वोटर दर्ज थे। जब कांग्रेस कार्यकर्ता वहां गए तो उन्होंने पाया कि ऐसे लोग वहां रहते ही नहीं हैं।

'नई वोटर लिस्ट बनाई जा रही है': राहुल गांधी

सबसे चौंकाने वाला मामला था:- शकुन रानी, 70 वर्ष, उन्हें दो अलग-अलग बूथों पर नए वोटर के रूप में दर्ज किया गया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मतदान रिकॉर्ड से यह भी पाया कि उन्होंने दोनों जगह वोट डाला। राहुल ने कहा कि आजकल कहा जाता है कि नई पीढ़ी का वोट मोदी को मिलता है। लेकिन जब हमने इन 33,692 नए वोटर्स को देखा तो पाया कि इनमें से अधिकतर 18-25 साल के नहीं थे। यानी नकली 'फर्स्ट टाइम वोटर' बनाए जा रहे हैं।

महाराष्ट्र चुनाव

राहुल गांधी ने दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में भी यही वोटर जोड़ने वाला मॉडल इस्तेमाल हुआ, जिससे चुनाव “चुराए गए”। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने मिलकर राज्य में शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन 5 महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में तीनों दल बुरी तरह हार गए।

हरियाणा का मामला

लोकसभा में कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटें जीती थीं और बीजेपी से ज्यादा वोट प्रतिशत मिला था। इसके बावजूद कुछ महीनों बाद बीजेपी ने लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया। राहुल ने कहा कि वो पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि इन दोनों राज्यों में भी वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई, जिससे बीजेपी को जीत मिली।

चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग से बार-बार मशीन-पठनीय वोटर लिस्ट मांगी, लेकिन EC ने उन्हें केवल फिजिकल (कागज़ी) दस्तावेज़ दिए, जिन्हें OCR तकनीक से स्कैन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस और विपक्ष की CCTV फुटेज की मांग भी ठुकरा दी गई। बाद में, चुनाव आयोग ने नियम बदलकर मतदान के 45 दिन बाद CCTV फुटेज और संबंधित डेटा नष्ट करने की अनुमति दे दी। राहुल बोले कि अब हमें समझ आ गया है कि चुनाव आयोग मशीन-पठनीय डेटा क्यों नहीं देता — ताकि देश को ये बड़ी चुनावी चोरी पता न चले, जो बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर कर रहे हैं। उन्होंने न्यायपालिका से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की।

केंद्र और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी के इन गंभीर आरोपों को लेकर बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग (EC) की ओर से कड़ा इनकार आया है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल को चुनौती दी कि अगर उनके पास सबूत हैं तो उन्हें शपथ लेकर सार्वजनिक करें। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ़ एक NGO द्वारा तैयार की गई झूठी रिपोर्ट दोहरा रहे हैं।

राहुल का पलटवार

मीडिया द्वारा चुनाव आयोग की चुनौती पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि मैंने जो डेटा पेश किया है, वो चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से ही लिया गया है। ये मेरे निजी दस्तावेज़ नहीं हैं। क्या वे कह सकते हैं कि ये उनके रिकॉर्ड नहीं हैं? मेरा शब्द ही मेरी शपथ है।

चुनावों का बहिष्कार

राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, ये सवाल उठने लगे कि क्या कांग्रेस और INDIA गठबंधन भविष्य में चुनावों का बहिष्कार करेंगे? इस पर राहुल ने कहा कि विपक्ष भविष्य में क्या कदम उठाएगा, ये अलग बात है। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राहुल एकतरफा बहिष्कार का ऐलान नहीं करना चाहते थे। उन्होंने INDIA ब्लॉक के नेताओं को उसी रात डिनर के लिए बुलाया है। वहां पर यह मुद्दा, बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और उपराष्ट्रपति चुनाव जैसे मुद्दों पर गैर-आधिकारिक चर्चा होगी।

कांग्रेस ने कहा कि हम जल्द ही मीडिया को जानकारी देंगे कि आगे क्या योजना है। राहुल जल्द बिहार जाएंगे और SIR (Special Intensive Revision) पर भी बात करेंगे। कृपया थोड़ा इंतज़ार करें। इस तरह राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भारतीय चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगे क्या कदम उठाया जाएगा, यह अब INDIA गठबंधन की सामूहिक रणनीति पर निर्भर करता है।

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