'' बुच बचाओ सिंडिकेट' : SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच पर कांग्रेस के आरोपों की सीरीज
राहुल गाँधी के यूट्यूब चैनल पर इस सीरीज का पहला एपिसोड जारी कर दिया गया है, जो लगभग 10 मिनट का है. इस एपिसोड में कांग्रेस द्वारा जो भी खुलासे किये गए हैं, उन तथ्यों को कैसे जुटाया गया और कैसे रिसर्च की गयी, ये सब दर्शाया गया है.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-10-26 18:24 GMT
Buch Bachao Syndicate : कांग्रेस ने एक बार फिर से SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच पर निशाना साधा है. इस बार कांग्रेस के निशाने पर सिर्फ माधबी बुच नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिन पर माधबी बुच को बचाने के लिए गंभीर आरोप लगाये गए हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस ने मीडिया पर भी निशाना साधा है, जिसमें कहा गया है कि माधबी बुच के मुद्दे को मीडिया सही तरह से नहीं दर्शा रहा है. इसी वजह से कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण पर सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए राहुल गाँधी के यूट्यूब चैनल का सहारा लिया है.
राहुल गाँधी के यूट्यूब चैनल पर माधबी बुच को लेकर एक सीरीज की शुरुआत की है, जिसका नाम रखा है बुच बचाओ सिंडिकेट. इस सीरीज का पहला एपिसोड जारी किया गया है, जिसमें इस पूरे मामले की रिसर्च और किस तरह से मामले को सार्वजानिक प्लेटफार्म पर उठाया गया, ये दर्शाया गया है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस मामल में जिस तरह से अलग अलग खुलासे किये हैं, उसे लेकर सारा होमवर्क तयारी दिखाई गयी है.
किस तरह से पवन खेड़ा राहुल गाँधी को इस पूरे मामले से जुड़े तथ्यों से अवगत करवाते हैं, अपनी रिसर्च टीम से मिलवाते हैं. कैसे इस मामले से जुड़े नए फैक्ट्स को जुटाते हैं, ये सब दिखाया गया है. इसी एपिसोड में पवन खेड़ा मैं स्ट्रीम मीडिया पर ये आरोप भी लगाते हैं कि लाखों लोगों की रकम शेयर मार्किट में लगी है और उनके हजारों करोड़ रूपये का फायदा कोई और उठा रहा है.
यूट्यूब पर राहुल गाँधी के चैनल पर इस विडियो को जारी करते हुए ये लिखा गया है कि ''संस्थागत पतन ने भारत में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया है. हमारी अर्थव्यवस्था अब प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा नहीं देती, बल्कि एकाधिकार को बढ़ावा देती है. छोटे और मध्यम व्यवसाय प्रतिगामी कर प्रणालियों में फंस गए हैं, उद्यमियों को पूंजी तक पहुंच पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और खुदरा निवेशक अनिश्चित और असुरक्षित बाजार को देख रहे हैं। यह ऐसा माहौल नहीं है जो समृद्धि और नवाचार को सक्षम बनाता हो. माधबी बुच कांड इस बात का उदाहरण है कि जब संस्थान ढह जाते हैं और भाई-भतीजावाद हावी हो जाता है, तो क्या होता है. आम भारतीयों और उनके निवेश की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर है, उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को त्याग दिया है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कदाचार में लिप्त हैं. इस घोटाले के बारे में अब तक जो जानकारी सामने आई है, वह तो बस एक झलक है। भ्रष्टाचारियों को बचाने वाला एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है. कांग्रेस पार्टी लगातार इन मुद्दों को उठाती रही है, कई घोटालों की जांच करती रही है और सच्चाई को उजागर करती रही है.