सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ से आधिकारिक आवास खाली करने को कहा

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा किराये के आधार पर वैकल्पिक आवास आवंटित किया गया है, लेकिन वह मकान पिछले दो साल से बंद था और उसमें मरम्मत का काम जारी है।;

Update: 2025-07-06 06:52 GMT
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ से बंगला खाली करवाने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा है

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के लिए तय आधिकारिक आवास को तत्काल खाली कराने की मांग की है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि पूर्व CJI डी वाई चंद्रचूड़ तय समयसीमा से अधिक समय तक इस बंगले में रह रहे हैं।

पूर्व CJI चंद्रचूड़, जिन्होंने नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा दी थी, अब भी लुटियंस दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित टाइप VIII बंगला नंबर 5 में रह रहे हैं।

1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) को भेजे गए पत्र में कहा गया, "कृपया बिना किसी और देरी के माननीय डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ से कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 का कब्जा वापस लें, क्योंकि न केवल इसके लिए दी गई अनुमति 31 मई 2025 को समाप्त हो चुकी है, बल्कि 2022 नियमों के नियम 3B के तहत दी गई छह महीने की अधिकतम अवधि भी 10 मई 2025 को समाप्त हो गई है।"

क्या है नियम 3B

इस नियम के तहत कोई भी सेवानिवृत्त CJI केवल टाइप VII श्रेणी का आवास अधिकतम छह महीने तक रख सकता है। लेकिन पूर्व सजी चंद्रचूड़ को टाइप VIII बंगला दिया गया था, वह भी विशेष परिस्थितियों में।

चंद्रचूड़ को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक इस बंगले में रहने की विशेष अनुमति दी गई थी, जिसके लिए वे ₹5,430 प्रतिमाह का लाइसेंस शुल्क दे रहे थे। इसके बाद उन्होंने मौखिक रूप से 31 मई तक रहने की अनुमति मांगी थी, जिसे "यह अंतिम विस्तार होगा" शर्त के साथ मंजूरी दी गई थी।

पूर्व CJI चंद्रचूड़ की सफाई

जब इस मुद्दे पर उनसे संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि देरी के पीछे मजबूरन व्यक्तिगत कारण हैं, जिनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को पहले ही दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा किराये के आधार पर वैकल्पिक आवास आवंटित किया गया है, लेकिन वह मकान पिछले दो सालों से बंद था और उसमें रहने लायक मरम्मत का कार्य जारी है। जैसे ही वह घर रहने लायक बनेगा, वे तुरंत उसमें शिफ्ट हो जाएंगे।

उन्होंने आगे बताया, "मेरी दो बेटियां हैं, जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है। उनमें से दोनों को गंभीर अनुवांशिक समस्याएं हैं, विशेष रूप से 'नेमालीन मयोपैथी' जैसी दुर्लभ बीमारी है, जिनका AIIMS में इलाज चल रहा है। इसी वजह से मुझे ऐसा घर ढूंढने में समय लगा, जो उनकी जरूरतों के अनुकूल हो।"

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 28 अप्रैल को तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वे एक उपयुक्त आवास तलाश रहे हैं और जून 2025 के अंत तक विस्तार की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन का रुख

अब जब तय अवधि समाप्त हो गई है, सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने मंत्रालय से स्पष्ट रूप से कहा है कि बिना किसी और देरी के बंगले का कब्जा लिया जाए और सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया जाए।

यह घटना इसलिए भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी पूर्व CJI से इस तरह औपचारिक रूप से आवास खाली कराने की मांग करना बेहद दुर्लभ है। आमतौर पर इस तरह के मामलों में अनौपचारिक विस्तार मिल जाते हैं।

पूर्व CJI चंद्रचूड़ का आश्वासन

“यह बस कुछ ही दिनों की बात है, मैं जल्द ही स्थानांतरित हो जाऊंगा। मैंने सर्वोच्च न्यायिक पद संभाला है और मैं अपनी जिम्मेदारियों को भली-भांति समझता हूं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अतीत में कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को उनके व्यक्तिगत कारणों या संक्रमण काल के दौरान कुछ अतिरिक्त समय दिया गया था।

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