Kerala bypoll: शशि थरूर के तेवर फिर तल्ख– 'पार्टी नेतृत्व से हैं मतभेद'

थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेद के संकेत दिए हैं। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने संकेत दिया कि उपचुनाव के नतीजों के बाद वह इन मतभेदों के बारे में बात कर सकते हैं।;

Update: 2025-06-19 11:14 GMT

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के कुछ लोगों से उनके विचारों में मतभेद हैं। लेकिन नीलांबूर उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए वे इस पर फिलहाल कुछ नहीं बोलेंगे। पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा कि कांग्रेस, इसके सिद्धांत और कार्यकर्ता मेरे लिए बेहद प्रिय हैं। मैं पिछले 16 वर्षों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर रहा हूं और उन्हें अपने करीबी दोस्त और भाई की तरह मानता हूं।

नेतृत्व से मतभेद

शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि मेरे पार्टी नेतृत्व के कुछ लोगों से मतभेद जरूर हैं। आप जानते हैं कि मैं किन बातों की ओर इशारा कर रहा हूं। क्योंकि कई मुद्दे सार्वजनिक हो चुके हैं और मीडिया ने उन्हें रिपोर्ट भी किया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनके मतभेद राज्य नेतृत्व से हैं या राष्ट्रीय नेतृत्व से। थरूर ने संकेत दिया कि वे इन मतभेदों पर उपचुनाव परिणामों के बाद बात कर सकते हैं।

उपचुनाव प्रचार से दूरी

जब उनसे पूछा गया कि वे नीलांबूर उपचुनाव में प्रचार का हिस्सा क्यों नहीं हैं तो थरूर ने दो टूक जवाब दिया कि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया, जैसे पिछली बार वायनाड उपचुनाव में भी नहीं बुलाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि मैं वहां नहीं जाता, जहां मुझे बुलाया नहीं जाता। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे चाहते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत सफल हो और यूडीएफ उम्मीदवार नीलांबूर से जीत दर्ज करे।

राष्ट्रीय कर्तव्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल ही में हुई उनकी मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि यह मुलाकात "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत विभिन्न देशों में गए प्रतिनिधिमंडलों और उनसे हुई चर्चाओं को लेकर थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान कोई घरेलू राजनीति चर्चा में नहीं आई। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं की आलोचना पर जवाब देते हुए थरूर ने कहा कि जब मैं संसद की विदेश मामलों की समिति का अध्यक्ष बना था, तभी स्पष्ट कर दिया था कि मेरी निष्ठा भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हित में है, न कि कांग्रेस या बीजेपी की नीति में।

देश सर्वोपरि

थरूर ने जोर देकर कहा कि मैंने अपनी सोच नहीं बदली है। जब राष्ट्र से जुड़ा मामला सामने आता है तो हम सभी की ज़िम्मेदारी होती है कि हम देश के लिए काम करें और बोलें। जो कुछ मैंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कहा, वह मेरी व्यक्तिगत राय थी। केंद्र सरकार ने मुझसे सेवा मांगी, पार्टी ने नहीं। एक भारतीय नागरिक के नाते मैंने गर्व से अपना कर्तव्य निभाया।

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