बुलडोजर ऐक्शन पर बड़ा वाला NO, यूपी की सियासत पर किस तरह पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर ऐक्शन पर स्पष्ट फैसला दे दिया है। सवाल यहां ये है कि क्या यूपी या दूसरे राज्यों में पीले पंजे पर पूरी तरह लगाम लग जाएगा।
Supreme Court Verdict on Bulldozer Action: ऐसा नहीं था कि विकास प्राधिकरण या दूसरी एजेंसियां अवैध निर्माण पर बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं करती थीं। लेकिन 2017 में देश के सबसे बड़े सूबे में से एक यूपी में बुलडोजर जबरदस्त तरीके से ऐक्शन में आ गए। यह बात अलग है कि बुलडोजर ऐक्शन के बारे में कहा गया कि यह किसी खास संप्रदाय को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। यूपी में तो सीएम योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) को लोग बुलडोजर बाबा का नाम दे दिए। भोजपुरी के सुपरस्टार गायक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ(Dinesh Lal Yadav Nirhua) ने बाकायदा गाना भी गाया।
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हेलिकॉप्टर से जमीन पर बुलडोडर देख अपने किसी सहायक से बोला कि वो देखो बुलडोजर। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर फैसला दे दिया है कि आरोपी है या दोषी आप किसी का घर नहीं गिरा सकते। ऐसी सूरत में क्या यूपी या दूसरे राज्यों में बुलडोजर ऐक्शन पर पूरी तरह रोक लग जाएगा। यूपी में बुलडोजर जो योगी आदित्यनाथ की यूएसपी थी उस पर कितना असर होगा।
कोई था पक्ष में तो किसी को ऐतराज
बुलडोजर ऐक्शन के विरोधियों का तर्क था कि मान लीजिए किसी शख्स ने अपराध किया तो क्या उसके घर को गिराया जाना चाहिए। उस घर में वो अकेले नहीं रहता। वो उसका पुश्तैनी मकान है जिसमें उसके परिवार से जुड़े दूसरे सदस्य रहते हैं। आप किसी अपराध के लिए जब सिर्फ एक शख्स को अभियुक्त मानेंगे तो उसमें दूसरे सदस्य हिस्सेदार कहां। क्या जुर्म करने वाले किसी शख्स के पिता,मां, पत्नी बेटा और बेटी को सजा देंगे जिसमें उसका कोई कसूर नहीं है। विरोध के इस सुर को सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court Bulldozer Verdict) ने भी माना और स्पष्ट किया कि बिना किसी वैधानिक वजह के सरकार किसी के घर को नहीं गिरा सकती।
आप को इसी साल मई का महीना याद होगा जब लखनऊ में बड़े पैमाने पर विकास प्राधिकरण की तरफ से कार्रवाई की गई थी। उस कार्रवाई के विरोध में ना सिर्फ प्रभावित लोग बल्कि समाजवादी पार्टी की तरफ से तर्क था कि आखिर सरकार किस आधार पर इन लोगों को बुनियादी सुविधा मुहैया करा रही थी। हालांकि सरकार की तरफ से तर्क दिया कि कुकरैल नदी को जीवित करने के लिए उन्हीं लोगों को हटाया गया जिन्होंने अवैध कब्जा किया था। हालांकि इसके जरिए समाजवादी पार्टी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
यूपी में जमकर हुई है सियासत
समाजवादी पार्टी का आरोप रहा है कि बुलडोजर ऐक्शन में आखिर निशाना एक खास समाज के लोगों को बनाया जा रहा है। अगर कोई शख्स अपराध कर रहा है तो उसे पकड़ने के बजाय उसके घर को गिरा दिया जा रहा है यह कहां तक उचित है। हाल ही में बहराइच जिले के महाराजगंज में हिंसा भड़की और प्रशासन की तरफ लोगों को नोटिस दिया गया तो उस केस में भी यह कहा गया कि एक खास समाज को प्रताणित करने की कोशिश है। हालांकि यूपी सरकार ने कहा कि अतिक्रमण की कार्रवाई को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर एक वर्ग का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह कदम यूएसपी है। यूपी में एक बड़ा धड़ा मानता है कि इससे अपराधियों में खौफ पैदा होता था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद इस मुहिम को झटका लगेगा। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अपराध नियंत्रण के नाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इसका बेजा इस्तेमाल भी कर रहे है। इन सबके बीच आप कह सकते हैं कि आने वाले समय में बुलडोजर यूपी की सियासत में शायद उतना प्रासंगिक मुद्दा ना रह जाए।