सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सजा पूरी होने पर कैदी जेल में क्यों? तुरंत रिहा करो

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी दोषी सजा पूरी करने के बावजूद जेल में बंद न हो।;

Update: 2025-08-12 07:17 GMT

साल 2002 के बहुचर्चित नितीश कटारा हत्याकांड में आज एक बड़ा फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मामले में दोषी करार दिए गए सुखदेव पहलवान को जेल से रिहा किया जाए, क्योंकि उन्होंने अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की कि निर्धारित अवधि की सजा पाए किसी भी दोषी को, उसकी सजा पूरी होते ही रिहा किया जाना चाहिए। इस दौरान अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में रिहाई के लिए क्षमादान (remission) की जरूरत नहीं होती।

देशभर के जेलों की स्थिति की जांच का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी दोषी सजा पूरी करने के बावजूद जेल में बंद न हो। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पूरी सजा काट चुका है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।

भेजा जाएगा आदेश

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि यह निर्णय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के सदस्य सचिव को भेजा जाए, ताकि वह इसे सभी राज्यों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों तक पहुंचा सकें।

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