बिभव ने किसके इशारे में मारा, जांच का विषय; किसी को क्लीन चिट नहीं- स्वाति मालीवाल
स्वाति मालीवाल ने कहा कि बिभव ने अकेले मारा या किसी के कहने पर मारा. ये सभी चीजें जांच के दायरे में आती हैं. लेकिन मैं किसी को क्लीन चिट नहीं दे रही हूं.
Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार ने मुझे जोर से 7-8 थप्पड़ मारे. जब मैं जोर-जोर से चिल्ला कर हेल्प मांग रही थी. मदद के लिए कोई भी नहीं आया. ऐसे में बिभव ने अकेले मारा या किसी के कहने पर मारा. ये सभी चीजें जांच के दायरे में आती हैं. लेकिन मैं किसी को क्लीन चिट नहीं दे रही हूं. क्योंकि यह सच है कि अरविंद जी घर पर थे और मुझे बहुत बुरी तरह से पीटा गया.
स्टाफ ने बोला घर पर हैं अरविंद जी
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम आवास पर गई थी. वहां मौजूद स्टाफ ने मुझे ड्रॉइंग रूम में बिठाकर कहा कि अरविंद केजरीवाल मिलने के लिए आ रहे हैं. लेकिन उनकी जगह पीए बिभव कुमार आए और मुझ पर हाथ छोड़ दिया. जबकि, मैंने उनसे कहा था कि अरविंद जी मिलने के लिए आ रहे हैं.
मदद के लिए नहीं आया कोई
इसके बाद बिभव कुमार ने जोर से 7-8 थप्पड़ मारे और पैर पकड़कर नीचे गिरा दिया. गिरने की वजह से मेरा सिर सेंटर टेबल से टकराया. नीचे गिरने के बाद बिभव कुमार ने मुझे लातों से मारना शुरू किया. मैंने जोर से चीखकर हेल्प मांगी. लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया.
सीएम आवास पर बुरी तरह पीटा गया
स्वाति मालीवाल ने कहा कि बिभव ने अकेले मारा या किसी के कहने पर मारा. ये सभी चीजें जांच के दायरे में आती हैं. लेकिन मैं किसी को क्लीन चिट नहीं दे रही हूं. क्योंकि यह सच है कि मैं सीएम आवास के ड्रॉइंग रूम में थी. अरविंद जी घर पर थे और मुझे बहुत बुरी तरह से पीटा गया.
सोचा नहीं कि क्या होगा मेरा
स्वाति मालीवाल ने कहा कि मैंने ये नहीं सोचा कि मेरा क्या होगा. मेरे करियर का क्या होगा.ये लोग मेरे साथ क्या करेंगे. मैंने केवल इतना सोचा कि जो चीज मैंने सभी महिलाओं से कही है कि हमेशा सच के साथ खड़े रहो. आप सच्ची शिकायत करो. आपके साथ कुछ गलत हुआ है तो आप जरूर लड़ो तो आज मैं खुद कैसे नहीं लड़ सकती हूं.
पढ़िए इंटरव्यू के कुछ अंश
स्वाति मालीवाल ने अपने इंटरव्यू में कहा कि मैं 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब अरविंद केजरीवाल जी से मिलने उनके आवाज पर गई थी. मुझे वहां पर स्टाफ ने ड्राइंग रूम में बिठाया और बताया कि अरविंद जी घर पर हैं और वह मुझसे मिलने आ रहे हैं. फिर दूसरी बार एक और स्टाफ आया, उसने भी मुझे यही बात बोली और मैं वहां आराम से ही बैठी हुई थी. इतने में बिभव कुमार, जो कि उनके पीएस थे, वह वहां पर धन-धनाते हुए आते हैं और चिल्लाने लगते हैं. वह गालियां दे रहे थे और उन्होंने मुझे बोला कि तेरी औकात क्या है. तेरी हिम्मत कैसे हुई, हमें मना कर दे. तेरे को तो हम सबक सिखाएंगे नीच औरत. इसके साथ ही वह पता नहीं क्या-क्या बोल रहे थे. उस समय मैं बहुत सकपका गई और मैंने उनको बोला भी कि भाई क्या हो गया. इतने में ही उन्होंने हाथ छोड़ दिया उन्होंने मुझे सात-आठ थप्पड़ पूरी जोर से मारे.
उन्होंने कहा कि मैं सोफे पर बैठी थी. वह सामने खड़े थे और मुझे मारे ही जा रहे थे. मुझे बिल्कुल समझ नहीं आया कि क्या हुआ. इतने में मैंने अपने आप को बचाने के लिए अपने पैर से उनको पुश करने की कोशिश करी तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया और मुझे नीचे घसीट दिया. उससे मेरा सिर सेंटर टेबल पर जाकर टकराया. मैं नीचे गिरी और फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया और मैं चीखती रही, चिल्लाती रही. मैं मदद मांगती रही और मैंने उन्हें इतनी बार बोला कि मेरे पीरियड चल रहे हैं. मुझे छोड़ दो. मुझे बहुत दर्द हो रहा है. इसके बावजूद वह आदमी नहीं माना. वह उस वक्त कमरे में अकेला था. इसके बाद मैंने किसी तरह से अपने आप को छुड़ाया और वापस आकर सोफे पर जाकर बैठ गई.
उन्होंने कहा कि मैंने तुरंत 112 नंबर पर कॉल की. जब मैं कॉल कर रही थी तो उसने मुझे देखा और बोला कि तुम कुछ भी कर लो, हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती. तुमको तो मारकर गड़वा देंगे. हड्डी-पसली एक कर देंगे. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और मैंने कॉल कर दिया. जैसे ही उसे रिलाइज हुआ कि मैंने कॉल कर दिया है, वह तुरंत भागकर बाहर गया और गेटर पर खड़ी सिक्योरिटी को बुलाकर अंदर ले आया. जब सिक्योरिटी अंदर आई तो मैंने चीख-चीख कर बताया कि मेरे साथ क्या हुआ है. मैंने उन्हें बताया कि बिभव ने कैसे लात, घूसे और थप्पड़ से मेरी पिटाई की है. इसके बाद बिभव ने मेरे सामने सिक्योरिटी वालों को बोला था कि इसको बाहर फेंको. लेकिन मैं उनको बोलती रही. उन्होंने मुझे समझाना शुरू किया कि आप बाहर निकलिए. मैंने उन्हें बताया कि मैंने 112 नंबर पर कॉल किया है और पुलिस को आने दो. क्योंकि यह क्राइम सीन है. यहां पर मेरे साथ इतनी बड़ा हादसा हुआ है. मैं मेंबर ऑफ पार्लियामेंट हूं. मैं फॉर्मर दिल्ली कमीशन फॉर विमिन की चेयरपर्सन हूं. आप रुकिए, आप बस पुलिस को आने दीजिए. एक बार पुलिस आ जाए तो फिर मैं जाऊंगी. क्योंकि मुझे इस बात का डर था कि मैं यहां से चली गई तो यह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर देंगे.
स्वाति ने कहा कि इसलिए मैं सिक्योरिटी वालों से बार-बार बहस कर रही थी. यह बहस कम से कम 8 से 10 मिनट चला होगा और उस पूरे समय मैं देख रही थी बिभव मुस्कराते हुए वीडियो बना रहा था.मैं बिल्कुल अपना आप खो चुकी थी. क्योंकि मुझे बुरी तरह से पीटा गया था. ऊपर से वह मुझे ही आकर बोल रहे थे कि आप बाहर जाओ. बिभव से कोई पूछ भी नहीं रहा था कि भाई तुमने क्यों मारा, कैसे मारा. ऐसा कैसे हो गया. तब मैं अपना आप खोया और मेरे मुंह से कुछ अपशब्द निकले, जिसे बाद में एडिट करके टीवी चैनल्स को दिया गया. बाद में मीडिया से पता चला कि किस तरह से वीडियो के सोर्स को पूरी तरह से फॉर्मेट कर दिया गया है. अगर उस 10 मिनट के वीडियो में, जिसमें मैं चीख-चीख कर बता रही हूं कि मेरे को कहां मारा गया, कैसे मारा गया, उससे पूरी बात क्लियर हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि एक तो सीसीटीवी का वीडियो है. जिसमें पूरा सीक्वेंस है, जो अभी तक रिलीज नहीं हुआ है. दूसरा जो बिभव जी ने खुद वीडियो बनाया है. लेकिन 8 से 10 मिनट का जो वीडियो है, वह बिल्कुल सही है. जिसमें वह मुझे मार रहे थे. वीडियो ले रहे थे. जब मैं वापस सोफे पर दोबारा आकर बैठी और मैंने 112 नंबर कॉल किया. जब बिभव बाहर गया और सिक्योरिटी वालों को लेकर आया. जब सिक्योरिटी वाले वहां आए तब बिभव ने वीडियो लेना शुरू किया. क्योंकि जब वह मुझे मारपीट रहा था तो वह कमरे में अकेला था. उस समय वह वीडियो कैसे ले सकता है. जब-जब मैं सीएम केजरीवाल के घर गई हूं, तब मैंने अपॉइंटमेंट नहीं लिया था. अगर आप सचिवालय जाते हैं तो वहां एक प्रोटोकॉल होता है और ऑफिशियल टाइम लेकर जाया जाता है. लेकिन जब घर जाते हैं तो मैं ऐसे ही जाती हूं. लेकिन अब यह कहते हैं कि मैं उनको ट्रेस कर रही थी. मेरे पास कोई अपॉइंटमेंट नहीं था तो मैं यह जानना चाहती हूं कि अगर मैं ट्रेस पास कर रही थी तो फिर तो गेट पर ही रोक देते. फिर अंदर तक मैं कैसे चली गई. दूसरी बात कि मुझे हल्का सा इल्म भी नहीं था कि उस दिन कुछ मेरे साथ होने वाला है. अगर उनको लगता है कि अपॉइंटमेंट लेना बहुत इंपॉर्टेंट है तो उसी वक्त बोल देते कि बाहर चले जाओ, मैं बाहर चली जाती. लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं हुआ कि कोई अपॉइंटमेंट लेकर नहीं आएगा तो आप उसको पीट दोगे. मैं उनको 20 साल से जानती हूं. वह हमारे घर आते हैं और हम उनके घर जाते हैं.
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