क्या लीक नहीं हुआ था UGC-NET का प्रश्न पत्र? टेलीग्राम एप पर वायरल हुआ स्क्रीनशॉट टैम्परड था : CBI

एजेंसी उस स्कूली छात्र के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जिसने पैसे कमाने के लिए ऐप का इस्तेमाल कर नेट पेपर का फर्जी स्क्रीनशॉट बनाया था

Update: 2024-07-11 10:28 GMT

UGC-NET 2024: देश में इन दिनों परीक्षा पत्र लीक का मामला काफी हावी है, ख़ास तौर से NEET-UG परीक्षा का परिणाम आने के बाद पेपर लीक का मुद्दा काफी गर्म रहा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने एहतियात के तौर पर UGC-NET परीक्षा को रद्द कर दिया था, क्योंकि सरकार को ये इनपुट मिले थे कि परीक्षा पत्र के साथ कुछ छेड़छाड़ हुई है. लेकिन अब UGC-NET परीक्षा की जाँच कर रही CBI ने बड़ा दावा किया है. CBI का दावा है कि टेलीग्राम पर वायरल हो रहे प्रश्नपत्र का जो स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था, वो सही नहीं था बल्कि उस स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ ( टैम्परिंग ) की गयी थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीबीआई जल्द ही इस मामले में आरोप पत्र दायर कर सकती है, जिसमे एक युवा को आरोपी बनाया गया है, जिसने कथित तौर पर टेलीग्राम पर यूजीसी-नेट पेपर का “छेड़छाड़” किया हुआ स्क्रीनशॉट प्रसारित किया था. इसी स्क्रीनशॉट की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय से संभावित “उल्लंघन” के बारे में अलर्ट जारी किया था और उसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी थी.

पीटीआई ने मामले से अवगत अधिकारियों के हवाले से बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस प्रकरण में कोई बड़ी साजिश नहीं मिली है. यही वजह है कि सीबीआई आरोप पत्र को धोखाधड़ी के प्रयास या धोखाधड़ी के अपराध की धारा के तहत करेगी.

सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल किये जाने की संभावना

अधिकारियों के अनुसार कथित यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में सीबीआई की जांच में पाया गया है कि 18 जून की परीक्षा के लिए लीक हुए प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट के पीछे एक स्कूली छात्र का दिमाग था. जिसने एक एप की मदद से प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट तैयार किया ताकि वो पैसा बना सके. उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अनौपचारिक रूप से सरकार को अपने निष्कर्षों से अवगत करा दिया है और युवक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर सकती है.

मंत्रालय की चेतावनी

UGC-NET परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जो जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करती है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई की चेतावनी के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी.

ऐप का उपयोग करके स्क्रीनशॉट बनाया गया

शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द होने के बाद कहा था, "यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के बारे में कुछ इनपुट मिले थे. इन इनपुट से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि उक्त परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है."

जांच सीबीआई को सौंपी गई, जिसने पाया कि पेपर का कथित स्क्रीनशॉट स्कूल के छात्र ने एक ऐप का उपयोग करके बनाया था. उन्होंने कहा कि उसने स्क्रीनशॉट की तारीख 17 जून कर दी थी ताकि कुछ पैसे कमाए जा सकें और लोगों को ये आभास हो कि उसके पास प्रश्नपत्र तक पहुंच गया है.

“स्क्रीनशॉट से छेड़छाड़ की गई”

अधिकारीयों ने बताया कि आरोपी युवा ने ये संकेत जरुर दिए हैं कि वो बाद में होने वाले पेपर की व्यवस्था कर सकता है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने फोरेंसिक विशेषज्ञों से सलाह ली, जिन्होंने कहा कि स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ की गई है.

सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC ) को I4C से ये जानकारी मिली थी कि पेपर डार्कनेट पर उपलब्ध है और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर 5-6 लाख रुपये में बेचा जा रहा है, जिसके आधार पर परीक्षा रद्द कर दी गई.

यूजीसी-नेट अब 21 अगस्त से 4 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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