पूजा खेडकर पर UPSC का कड़ा एक्शन, IAS की नौकरी रद्द; भविष्य में भी नहीं दे पाएंगी परीक्षा

UPSC ने विवादित प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आवेदन में अनियमितताओं के कारण उम्मीदवारी रद्द कर दी है.

Update: 2024-07-31 12:22 GMT

Pooja Khedkar Provisional Candidature Cancellation: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने विवादित प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आवेदन में अनियमितताओं के कारण उम्मीदवारी रद्द कर दी है. आयोग ने उन्हें UPSC द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में बैठने से भी रोक दिया है. बता दें कि UPSC ने उपलब्ध अभिलेखों की सावधानीपूर्वक जांच की और उन्हें CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करने का दोषी पाया.

UPSC ने कहा कि सीएसई-2022 के लिए उनकी प्रोविजनल (अस्थायी) उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें यूपीएससी की सभी भावी परीक्षाओं/चयनों से भी स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है. यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 821वीं रैंक हासिल करने वाली परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप है. उन पर सिविल सेवा परीक्षा में अनुमत सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाने के लिए अपनी पहचान को गलत बताने का भी आरोप है.

पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले में यूपीएससी ने वर्ष 2009 से 2023 तक यानी 15 वर्षों के लिए सीएसई के 15,000 से अधिक अंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध आंकड़ों की उनके द्वारा प्राप्त प्रयासों की संख्या के संबंध में गहन जांच की है. इस विस्तृत अभ्यास के बाद पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर, किसी अन्य उम्मीदवार को सीएसई नियमों के तहत अनुमत संख्या से अधिक प्रयासों का लाभ उठाते हुए नहीं पाया गया है. पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले में यूपीएससी की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण उनके प्रयासों की संख्या का पता नहीं लगा सकी कि उन्होंने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया था.

यूपीएससी एसओपी को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा न हो. बता दें कि यूपीएससी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

यूपीएससी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जांच से पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान बदलकर परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाया. अपनी शारीरिक अक्षमता साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट के बाद, यूपीएससी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. यूपीएससी की यह कार्रवाई महाराष्ट्र सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से पूजा खेडकर को मुक्त किए जाने के दो सप्ताह बाद हुई है. उन्हें मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में वापस बुला लिया गया और उनका प्रशिक्षण रोक दिया गया.

इस बीच दिल्ली की एक कोर्ट पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगाला को मंगलवार को मामले की सुनवाई करनी थी, ने सरकारी वकील (पीपी) द्वारा समय मांगे जाने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. इस सप्ताह की शुरुआत में, पुणे की एक अदालत ने भूमि विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में पूजा खेडकर की मां को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. मनोरमा खेडकर को पिछले साल पुणे जिले में भूमि विवाद को लेकर कुछ लोगों को बंदूक से धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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