समंदर में भारत को और मिलेगी ताकत, US ने सर्विलांस उपकरण देने किया फैसला

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका मे भारत को करीब 1080 करोड़ रुपए के सैन्य उपकरण का देने का फैसला है। बताया जा रहा है कि इससे समंदर में निगहबानी और पुख्ता होगी।;

Update: 2025-05-02 04:41 GMT
अमेरिका ने भारत को 131 मिलियन डॉलर के खोजी उपकरण देने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इससे इंडियन नेवी को और ताकत मिलेगी।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है। हमले के बाद खासकर कश्मीर घाटी में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इसी तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। अमेरिका ने भारत को 131 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1,090 करोड़ रुपये) मूल्य के सैन्य उपकरण और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने की मंजूरी दे दी है।

यह फैसला भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है, खासकर इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) प्रोग्राम के तहत। इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करना है।

अमेरिका से क्या मिलेगा भारत को?

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के अनुसार, भारत को जो सैन्य हार्डवेयर और लॉजिस्टिक समर्थन दिया जाएगा, उसमें शामिल हैं

Sea Vision सॉफ्टवेयर, जो समुद्र में जहाजों और गतिविधियों की निगरानी में उपयोगी है।

रिमोट सॉफ्टवेयर और एनालिटिक सपोर्ट, जो निगरानी विश्लेषण को बेहतर बनाता है।

TAFT ट्रेनिंग और डॉक्यूमेंटेशन, जिससे भारतीय सैन्य बल इन प्रणालियों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।

यह डील भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा को और पुख्ता करने में मदद करेगी। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि भारत इन उपकरणों को अपने सिस्टम में आसानी से शामिल कर पाएगा।

ट्रंप प्रशासन की भूमिका

इस डील के समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस इच्छा की भी चर्चा हो रही है जिसमें उन्होंने भारत से और अधिक सैन्य खरीद की उम्मीद जताई थी। माना जा रहा है कि यह डील उसी दिशा में एक कदम है, और ट्रंप प्रशासन ने भारत पर अमेरिका से हथियार खरीदने का परोक्ष दबाव भी डाला था।

पाकिस्तान-तुर्की संबंधों पर उठे सवाल

इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तुर्की पाकिस्तान को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है। कहा गया कि तुर्की के छह C-130E हरक्यूलिस सैन्य विमान कराची में उतरे, जिनमें हथियार लदे थे। हालांकि, तुर्की सरकार ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, तुर्की का विमान केवल ईंधन भरने के लिए पाकिस्तान में उतरा था।

भारत और अमेरिका के बीच यह सैन्य सहयोग एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेत है, जो भारत की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के इस समय में भारत को अमेरिका का यह समर्थन उसकी रणनीतिक और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देगा। वहीं पाकिस्तान और तुर्की को लेकर चल रही चर्चाओं ने क्षेत्रीय असंतुलन को और गहरा किया है।

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