बोइंग विमानों की खराबी की क्या है वजह ? अब तक 6 हजार से अधिक हादसे

अहमदाबाद दुर्घटना के बाद हवाई यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इन सबके बीच बोइंग पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है।;

Update: 2025-06-12 12:08 GMT

अहमदाबाद हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है।जिस तरह से टेक ऑफ के एक मिनट के अंदर ही विमान के परखच्चे उड़ गए उसने हवाईयात्रा में सुरक्षा का मामला फिर उठा दिया। हालांकि ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही वजह का खुलासा हो सकेगा।लेकिन इस हादसे के बाद एक बार फिर इन विमानों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठा है। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787 ड्रीम लाइनर था।इससे बोइंग विमानों को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं।पहले भी दुनिया भर में कई बोइंग विमान क्रैश हो चुके हैं।पिछले साल साउथ कोरिया में बोइंग विमान क्रैश हुआ था जिसमें 180 लोगों को जान गई थी।

पूरी दुनिया में यात्री विमानों में सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में है। बोइंग विमानों को लेकर आयोजकों रिपोर्ट अहम सवाल उठाती है। न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था दुनिया भर में एशिया,यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बोइंग विमानों का प्रयोग किया जाता है।अहमदाबाद हमले से पहले ही बोइंग विमान के बारे में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 6000 दुर्घटनाओं में बोइंग विमान शामिल रहे हैं जिनमें 9000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

MCAS से जुड़ी तकनीकी समस्या

बोइंग विमानों की दुर्घटना को लेकर बोइंग 737 Max की जाँच की गई।जाँच में ये पाया गया कि कई वजहें हैं जो बोइंग विमानों के क्रैश होने का कारण बनती हैं।बोइंग विमान के MCAS यानी मैनुवरिंग कैरेक्टेरिक्स ऑग्मेंटेशन सिस्टम से जुड़ी तकनीकी समस्या सामने आई थी।इस सिस्टम की खासियत थी कि इससे मैनुअल लैंडिंग की निर्भरता खत्म हो गई।लेकिन इस सिस्टम के बारे में पायलटों को ज़्यादा जानकारी नहीं दी गयी ।इसका ख़ामियाज़ा भी भुगतना पड़ा और 2018-2019 में सिर्फ़ दो साल में ही इन विमानों की दुर्घटना में 346 लोगों की जान चली गई।उस वक्त ये बात सामने आई थी कि MCAS सॉफ्टवेर सेंसर डेटा पर ग़लत प्रतिक्रिया देता था।जिससे विमान हवा में अपना नियंत्रण खो देता था।हालाँकि बाद में इसी मॉडल को अपडेट करके बोइंग 737-800 नाम से चलाया गया।

उत्पादन में ख़ामियां 

बोइंग विमानों के उत्पादन में भी कई ख़ामियाँ सामने आई हैं।इसकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे हैं।पिछले साल अलास्का एयरलाइंस की उड़ान के दौरान बोइंग मैक्स 737 का दरवाज़ा हवा में ही खुल गया था।इससे सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ करने की बात सामने आई थी।बोइंग विमानों की एक और कमी लगातार इसका प्रोडक्शन है। कॉर्पोरेट और आर्थिक दबाव के कारण इसकी डिज़ाइन एयर टेस्टिंग में चूक की बात सामने आई है।हालांकि हर विमान दुर्घटना के बाद जाँच हुई पर एक बात बोइंग विमानों के प्रोडक्शन में सामने आई कि बोइंग के पुराने मॉडल्स को ही नए टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट किया गया जिससे ये उतने अनुकूल नहीं बन सके।ज़ाहिर है इन दुर्घटनाओं से बोइंग की साख भी प्रभावित हुई है।

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