रुझानों में एनडीए सरकार, फिर भी बीजेपी- शेयर मार्केट में निराशा, क्या है वजह

रुझानों को अगर वास्तविक आंकड़ा माना जाया तो एनडीए तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं के जोश में कमी और शेयर बाजार क्यों निराश हुआ उसे समझने की कोशिश करेंगे

By :  Lalit Rai
Update: 2024-06-04 06:24 GMT

Loksabha Election Result 2024: देश की 140 करोड़ जनता को इंतजार है कि अगली सरकार किस गठबंधन की बनने जा रही है. अगर रुझानों को देखें तो 295 सीट पर एनडीए की बढ़त बरकरार है. हालांकि इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन खराब नहीं है. इंडिया गठबंधन के खाते में 229 सीट मिलती नजर आ रही है. रुझानों में एनडीए जादुई आंकड़े से आगे है लेकिन शेयर बाजार ने निराशा के साथ आंकड़ों का स्वागत किया. सेंसेक्स और निफ्टी गोते लगाने लगे. अडानी के शेयर प्राइस भी तेजी से नीचे की तरफ चले गए. इसके साथ ही बीजेपी के कार्यकर्ताओं में वो उत्साह नहीं है. दरअसल बीजेपी 241 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है लेकिन वो खुद अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकती है.यही नहीं 2014 और 2019 के मुकाबले सीट संख्या में जबरदस्त कमी आई है. यहां हम समझने की कोशिश करेंगे कि ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी को 272 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में संघर्ष करना पड़ रहा है.

बीजेपी के कार्यकर्ता निराश

दरअसल इस सवाल का जवाब मोटे तौर पर चार राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान और हरियाणा के प्रदर्शन पर जुड़ा हुआ है. बीजेपी पिछले आम चुनाव यानी 2019 में 62 सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस दफा सीट संख्या आधी हो गई है. महाराष्ट्र में एनडीए को नुकसान है. वहीं बिहार और राजस्थान में बेहतर प्रदर्शन करते हुए नजर नहीं आ रही है. अगर बीजेपी सिर्फ यूपी में 62 सीट के करीब होती तो पार्टी अपने बलबूते मजबूत सरकार बनाती. लेकिन अब बीजेपी को घटक दलों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा. इन नतीजों पर बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह सत्य है कि हमारी सीट संख्या 242 है. लेकिन भारत का लोकतंत्र परिपक्व हुआ है उसे भी देखने की आवश्यकता है. उनसे एक सवाल पूछा गया कि ये तो ठीक है जेडीयू और टीडीपी आप को समर्थन कर रहे हैं लेकिन क्या वे आपके साथ रहेंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दोनों दल हमारे साथ लंबे समय से रहे हैं.

शेयर बाजार क्यों हुआ हताश

शेयर बाजार के बारे में कहा जाता है कि वो स्थायित्व का पसंद करता है. अगर रुझानों को अंतिम आंकड़ों में तब्दील कर दिया जाए तो एनडीए के सामने सरकार बनाने में परेशानी नहीं है. लेकिन बैशाखी वाली सरकार के लिए बोल्ड स्टेप लेना आसान नहीं होता है. ऐसे में संस्थागत फैसले जो बाजार की बेहतरी के लिए जरूरी होते हैं उसे ले पाने में सरकार भी उतना साहस नहीं दिखा पाती है. सुबह साढ़े 9 बजे के करीब 600 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है जबकि निफ्टी में 1500 अंक की गिरावट दर्ज की गई. सबसे ज्यादा अडानी पोर्ट्स के 9 फीसद की गिरावट,अडानी पावर में 10 फीसद और अंबुजा सीमेंट में 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई.

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