बच्चों का ब्रेन शार्प करने से लेकर बुढ़ापे में याददाश्त बढ़ाने के उपाय

बच्चों के दिमाग को भी उनकी हड्डियों और मसल्स की तरह पूरे पोषण की जरूरत होती है। यहां जानें, ब्रेन को पोषण देने और शार्प बनाने के लिए बच्चे को क्या खिलाएं...;

Update: 2025-04-07 14:13 GMT
बच्चे का दिमाग तेज करने का तरीका

Food For Healthy Brain: बचपन में दिमाग तेज चले और बच्चों के ब्रेन का विकास भी ठीक से हो, इसके लिए जरूरी होता है कि उन्हें सिर्फ ऐसा भोजन ना दिया जाए जो उनके शारीरिक विकास में ही मदद करे। बल्कि ऐसा फूड भी देना चाहिए, जो उनके मानसिक विकास में सहायक हो। इसीलिए बच्चों को संतुलित आहार देने की बात कही जाती है। यहां इसी बारे में बताया गया है कि आप बच्चों की डायट में किन फूड्स को शामिल करें,जो उनकी ब्रेन हेल्थ को बेहतर बनाएं...


बच्चे का दिमाग तेज़ करने के लिए उपाय...

सूर्योदय से पहले जगाएं

बच्चे का दिमाग तेज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसे सुबह सूर्योदय से पहले जगने की आदत डालें। बच्चा है ये सोचकर देर तक ना सोने दें। थकान होने पर दिन में कुछ समय के लिए सुला सकते हैं और रात को जल्दी सोने की आदत डालें। सुबह की ताजी हवा में थोड़ी देर बच्चे के साथ समय बिताएं। सुबह की ताजी हवा बच्चों के ब्रेन को शार्प बनाने में मदद करती है।

अखरोट का सेवन

हर दिन बच्चे को आधा या एक अखरोठ, उसकी उम्र को ध्यान में रखते हुए जरूर खिलाएं। अखरोट ब्रेन हेल्प के लिए शानदार होता है। 

ब्राह्मी का उपयोग

ब्राह्मी मस्तिष्क के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसे चूर्ण या सिरप के रूप में दिया जा सकता है। इससे याददाश्त बेहतर होती है और दिमाग शांत रहता है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट की सलाह के बाद बच्चे को ये देना शुरू करें।

शंखपुष्पी का उपयोग

ब्राह्मी की तरह ही शंखपुष्पी भी एक ब्रेन टॉनिक है। बच्चों के मानसिक विकास के साथ ही यह उनकी ब्रेन पॉवर को बढ़ाने में सहायक होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक से बात करने के बाद ही बच्चे को ये टॉनिक देना शुरू करें।

बादाम का सेवन

रोज़ सुबह 5-7 भीगे हुए बादाम खाने से बच्चों का दिमाग तेज़ होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन ई होता है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को मज़बूती देता है। लेकिन ध्यान रखें कि बादाम कागजी होना चाहिए, जिसे आप घर लाकर खुद से छीलें।

अश्वगंधा चूर्ण

थोड़ा सा अश्वगंधा चूर्ण गर्म दूध में मिलाकर देना मानसिक थकावट को दूर करता है और कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ाता है। बढ़ते बच्चे को उसकी उम्र और जरूरत के अनुसार आप अवश्वगंधा दे सकते हैं। लेकिन पहले डॉक्टर से सलाह करना जरूरी है।

हेल्दी डाइट

टीवी पर विज्ञापन देखकर या सोशल मीडिया से प्रभावित होकर, आजकल बच्चे फास्टफूड की तरफ बहुत आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन ये डायट बच्चों को शरीर को खोखला बना देती है। इसलिए बच्चे की डायट में फल, सूखे मेवे, दूध, हरी सब्जियां और होल ग्रेन युक्त संतुलित आहार होना जरूरी है। ये दिमाग के विकास में मदद करता है।

दिमागी गेम्स

पजल, सुडोकू, मेमोरी कार्ड गेम जैसे खेल बच्चों की सोचने की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाते हैं। प्रयास करें कि आपका बच्चा सोशल मीडिया पर अधिक समय ना बिताए और मोबाइल गेम्स खेलना या फिर मोबाइल पर रील्स देखकर अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को रिस्क में ना डाले। बच्चे का स्क्रीन टाइम सीमित करें। ताकि उसकी आंखें कमजोर ना हों।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखा गया है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह करें।


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