कोविड केसेज के बीच केंद्र सरकार का निर्देश, ऑक्सीजन तैयारियों पर ज़ोर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों में हो रही वृद्धि को देखते हुए सभी राज्यों को अस्पतालों की तैयारियों की जांच करने का निर्देश दिया है...;
Increasing Covid-19 Cases: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अस्पतालों की व्यापक समीक्षा करने के लिए कहा है। और ऑक्सीजन संरचना को सक्रिय बनाए रखने के लिए मॉक ड्रिल (प्रशिक्षण अभ्यास) आयोजित करने को कहा है।
इन राज्यों में सबसे अधिक कोरोना केस
केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक, इन छह राज्यों में इस समय देश के 90 प्रतिशत से अधिक सक्रिय कोविड मामले रेकॉर्ड किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों में धीरे-धीरे हो रही वृद्धि को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पतालों की तैयारियों की जांच करने और सभी स्तरों जिला, उप-जिला, मेडिकल कॉलेज, तृतीयक देखभाल केंद्र और नगर निकाय सुविधाओं पर समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने राज्यों को पत्र लिखा: इस पत्र में उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट्स (PSA प्लांट्स) की कार्यात्मक स्थिति की तत्काल समीक्षा और हेल्थकेयर संस्थानों में समग्र चिकित्सा तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया।
मौजूदा संक्रमण की प्रकृति: श्रीवास्तव ने कहा कि, “हालांकि मौजूदा वृद्धि मध्यम है और अधिकतर मामले हल्के हैं। लेकिन स्वास्थ्य तंत्र को सतर्क रहना चाहिए। वर्तमान में सक्रिय ओमिक्रॉन वेरिएंट्स-JN.1, XFG और LF.7.9—के लक्षण हल्के बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे हैं, जो आमतौर पर स्वयं ठीक हो जाते हैं।”
बढ़ते श्वसन संक्रमण: यह सलाह इसलिए भी दी गई है क्योंकि कोविड-19 के अलावा फ्लू और RSV जैसे अन्य श्वसन रोगजनक भी मौसमी तौर पर बढ़ रहे हैं।
हेल्थ केयर बुनियादी ढांचे पर फोकस
डायग्नोस्टिक सुविधाओं की उपलब्धता
आवश्यक दवाएं
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE)
आइसोलेशन बेड
मेडिकल ऑक्सीजन
ICU और वेंटिलेटर सपोर्टेड बेड्स
ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने पर बल: उन्होंने कहा, “PSA ऑक्सीजन प्लांट्स की कार्यशीलता सुनिश्चित करने और ऑक्सीजन तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल्स आयोजित की जा सकती हैं।”
सैंपल जांच और निगरानी: राज्यों से कहा गया है कि वे कोविड-19 की संशोधित निगरानी रणनीति के तहत नमूनों की जांच करें। सभी SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) और ILI (फ्लू-जैसे लक्षण) वाले मामलों में से 5% की कोविड जांच अनिवार्य है।
जीनोम अनुक्रमण के लिए नमूने भेजना अनिवार्य: SARI मरीजों में से जिनमें SARS-CoV-2 पॉजिटिव पाया जाता है, उनके नमूने क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान और निदान प्रयोगशालाओं (VRDLs) में जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएं।
IDSP के तहत निगरानी: जिलों की निगरानी इकाइयों को ILI और SARI मामलों पर निगरानी रखने, इन मामलों में कोविड अनुपात ट्रैक करने और सभी डेटा को नियमित रूप से IDSP-IHIP पोर्टल पर दर्ज करने को कहा गया है।
जनजागरूकता बढ़ाना भी ज़रूरी: हेल्थ सेक्रेटरी ने हाथ धोने की आदत, खांसी-छींक शिष्टाचार और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने जैसे संदेशों को प्रचारित करने के लिए IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) अभियानों को तेज़ करने की बात कही है।
कमजोर वर्गों के लिए सलाह: बुजुर्ग, पुरानी बीमारियों से पीड़ित और इम्यून सिस्टम से समझौता कर चुके लोगों को भीड़भाड़ वाले या हवादार न होने वाले इलाकों से बचने और वहां फेस मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
लक्षण होने पर सतर्कता ज़रूरी: “जिन लोगों को तेज़ बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य पर नज़र रखनी चाहिए और लक्षण बिगड़ने पर तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए,” - श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा।