होश उड़ा देंगे नाश्ता न करने के नुकसान, लंबा जीना है तो जानें पूरी बात
Health Risk Of Skipping Breakfast : नाश्ता (Breakfast) को “दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन” कहा जाता है। यह केवल कहावत नहीं है बल्कि अनेक अंतरराष्ट्रीय शोधों द्वारा प्रमाणित तथ्य है। फिर भी, बदलती जीवनशैली, समय की कमी और वजन घटाने के कई अजीब तरीकों के कारण बहुत से लोग नाश्ता स्किप कर देते हैं। यह आदत शरीर के ऊर्जा संतुलन, मानसिक स्वास्थ्य और चयापचय (metabolism) पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है...
नाश्ता ना करने के जानलेवा नुकसान
यदि आप हर दिन सुबह के समय नाश्ता ना करने को अपनी आदत बना लेते हैं तो नाश्ता ना करने के जानलेवा नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से मेटाबोलिक डिस्फंक्शन और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। यहां, उन रिसर्च के बारे में बताया गया है, जिनमें यह बात सामने आई है...
-American Journal of Clinical Nutrition (2013) के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से नाश्ता नहीं करते, उनमें टाइप-2 डायबिटीज़ का जोखिम 21% अधिक होता है।
-Obesity Journal (2015) में 2,000 से अधिक प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि नाश्ता छोड़ने वाले लोग दिन में अधिक कैलोरी और हाई-फैट भोजन लेते हैं।
-नाश्ता स्किप करने से "हाइपरफैगिया" (बाद में अत्यधिक भोजन) की प्रवृत्ति बढ़ती है, जिससे मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा होता है।
रोज नाश्ता करने के खास फायदे
सुबह का नाश्ता मस्तिष्क को आवश्यक ग्लूकोज प्रदान करता है, जो संज्ञानात्मक सतर्कता(cognitive alertness) के लिए जरूरी है...
-Frontiers in Human Neuroscience (2017) में बताया गया कि बच्चों में नाश्ता करने से ध्यान, मेमोरी और एकेडमिक प्रदर्शन में सुधार हुआ।
-Harvard Health Review के अनुसार, नाश्ता करने वाले वयस्कों की कार्यक्षमता, निर्णय क्षमता और मूड बेहतर रहता है।
हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव
-Journal of the American College of Cardiology (2017) में 6,500 से अधिक वयस्कों पर 17 वर्षों तक किए गए अध्ययन में यह सामने आया कि जो लोग नाश्ता स्किप करते थे, उनमें एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग की घटनाएं अधिक थीं।
-नाश्ता न करने से लिपिड प्रोफाइल बिगड़ता है (LDL बढ़ता है, HDL घटता है), जिससे हृदय रोगों का जोखिम बढ़ता है।
हार्मोनल असंतुलन और तनाव
Journal of Nutrition and Metabolism (2014) के अनुसार, नाश्ता न करने से सुबह के समय कोर्टिसोल का स्तर अधिक रहता है, जिससे तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। भोजन न करने से शरीर की “fight-or-flight” प्रतिक्रिया सक्रिय हो जाती है, जो हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करती है।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह करें।