कब और किन महिलाओं को करानी चाहिए डौशिंग, जानें सभी जरूरी बातें
डौशिंग या डौचिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें महिलाएं अपने प्राइवेट एरिया को क्लीन करने के लिए पंपिंग टेक्नीक अपनाती हैं। हालांकि एक्सपर्ट कुछ अलग ही राय रखते हैं;
What Is Douching And How Safe Is it: क्या आपने कभी डौचिंग (douching) के बारे में सुना है? यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ महिलाएं अपनी योनि को एक तरल पदार्थ से धोने का प्रयास करती हैं। यह तरल पदार्थ या लिक्विड आमतौर पर पानी, सिरका, या बेकिंग सोडा जैसे मिश्रणों से बना होता है। डौचिंग के पीछे महिलाओं का उद्देश्य वजाइना से आने वाली गंध को कंट्रोल करना होता है। क्योंकि कुछ महिलाओं को प्राइवेट पार्ट से तेज गंध आने की समस्या हो जाती है। आइए जानते हैं डौचिंग के बारे में और इसके प्रभाव के बारे में...
डौचिंग करने का सबसे बड़ा कारण? (Why Do Women Douch?)
कुछ महिलाएं डौचिंग करने के पीछे यह सोचती हैं कि यह उन्हें ताजगी का एहसास कराएगा या योनि से गंध को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा कुछ महिलाएं यह मानती हैं कि डौचिंग से खमीर (yeast) या बैक्टीरियल संक्रमण (bacterial infections) से बचाव होता है। यानी वजाइनल ऑडर कम करने से लेकर फ्रेशनेश फील करने और वजाइनल इंफेक्शन से बचने के अलग-अलग कारणों से महिलाएं डौचिंग करना पसंद करती हैं।
क्या डौचिंग हानिकारक है? (Is Douching Harmful?)
आपको जानकर हैरानी होगी कि डौचिंग कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। यह केवल वजाइना को क्लीन रखने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि इसका दुष्प्रभाव आपकी योनि (Vagina) के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार डौचिंग वजाइना के अंदर स्थित प्राकृतिक बैक्टीरिया को प्रभावित करती है (Disrupts Natural Vaginal Flora)। दरअसल, योनि में कुछ ऐसे बैक्टीरिया नैचुरल रूप से होते हैं, जो वजाइना को क्लीन और हेल्दी रखने का काम करते हैं। ये संक्रमण (Vaginal Infection) से बचाव करते हैं। डौचिंग के दौरान इन बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे बैक्टीरियल संक्रमण और खमीर संक्रमण (yeast infections) का खतरा बढ़ सकता है।
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) का खतरा बढ़ जाता है (Increased Risk of Pelvic Inflammatory Disease), जो महिला प्रजनन अंगों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है। समय पर इलाज न होने पर ये गंभीर बांझपन (infertility) समस्याएं पैदा कर सकता है। यदि आप गर्भवती हैं Impact on Pregnancy) तो डौचिंग से गर्भावस्था पर भी असर पड़ सकता है। डौचिंग के कारण योनि में संक्रमण हो सकता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है।
बार-बार डौचिंग करने से योनि में जलन और सूखापन (Irritation and Dryness) हो सकता है। यह असहजता और परेशानियों का कारण बन सकता है और कभी-कभी यह किसी अन्य गंभीर संक्रमण का कारण भी बन सकता है। डौशिंग कराना एक तरह से स्वास्थ्य समस्याओं को छिपाना (Masking Health Issues) है। क्योंकि इस प्रक्रिया से वजाइना से जुड़ी समस्याओं से अस्थायी रूप से समाधान मिल सकता है। जैसे, असामान्य गंध, खुजली या जलन। लेकिन यह इन समस्याओं का समाधान नहीं है। इसलिए ऐसी कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या करें, अगर डौचिंग न करें? (What to Do Instead of Douching?)
आपको अपनी योनि की देखभाल के लिए डौचिंग की जरूरत नहीं है। निम्नलिखित उपायों से आप अपनी योनि को सुरक्षित और स्वच्छ रख सकती हैं...
हल्के साबुन और पानी से सफाई करें (Use Mild Soap and Water) इससे अपनी योनि की बाहरी त्वचा (vulva) को धोना हाइजीन मेंटेन रखने का सबसे आसान उपाय है। सूती अंतर्वस्त्र (cotton underwear) पहनें ताकि नमी बनी रहे और संक्रमण से बचाव हो। साथ ही आपकी अंदरूनी त्वचा सांस ले सके (Wear Breathable Underwear) आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि खुशबू वाले उत्पादों से बचना है (Avoid Scented Products) क्योंकि खुशबू वाले साबुन, डिओडोरेंट्स या स्प्रे आपकी त्वचा को उत्तेजित कर सकते हैं।
मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान नियमित रूप से और लगभग हर 4 घंटों बाद पैड या टैम्पोन बदलें (Change Pads or Tampons Regularly) ताकि हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने का समय ना मिले। समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें (Consult a Doctor) जैसे, यदि आपको असामान्य गंध, खुजली या वजाइनल एरिया में जलन की समस्या हो रही है तो तुरंत अपने गाइनोकोलॉजिस्ट से सलाह लें।