युवा में तेजी से बढ़ रही ड्राई आई बीमारी, जानिए कारण और बचाव के उपाय
ड्राई आई डिजीज अब केवल उम्र से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। स्क्रीन टाइम, खान-पान और पर्यावरणीय कारक इसे बढ़ा रहे हैं ।;
Dry Eye Diseases: आज की डिजिटल लाइफस्टाइल में स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग और असंतुलित दिनचर्या न केवल हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत को प्रभावित कर रही है, बल्कि आंखों की सेहत पर भी गहरा असर डाल रही है। ड्राई आई डिजीज (DED) अब केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रही, बल्कि युवा वर्ग में भी तेजी से बढ़ रही है। आंखों की नमी खत्म होने से जलन, धुंधला दिखना और आंखों में थकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। हालांकि, सही जानकारी और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके इस परेशानी से बचा जा सकता है।
ड्राई आई डिजीज के कारण
आंखों में सूखेपन की समस्या के पीछे कई वजहें हो सकती हैं—
गलत खान-पान: प्रोसेस्ड फूड और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से आंखों में जलन और आंसू उत्पादन में कमी हो सकती है।
स्क्रीन टाइम: मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से पलक झपकने की दर घट जाती है, जिससे आंखों की नमी तेजी से सूखने लगती है।
पर्यावरणीय प्रभाव: एयर कंडीशनिंग, हीटर और प्रदूषण भी आंखों को सूखाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से आंखों की नमी प्रभावित होती है और ड्राई आई की समस्या बढ़ सकती है।
मानसिक तनाव: तनाव और चिंता के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे आंसू उत्पादन कम हो सकता है।
ड्राई आई से बचाव के उपाय
ड्राई आई डिजीज को रोकने और आंखों की नमी बनाए रखने के लिए कुछ आसान बदलाव किए जा सकते हैं—
संतुलित आहार अपनाएं: ओमेगा-3 से भरपूर आहार जैसे मछली, अलसी के बीज, अखरोट और एवोकाडो का सेवन करें।
पर्याप्त पानी पिएं: शरीर में पानी की कमी से भी आंखें शुष्क हो सकती हैं, इसलिए हाइड्रेटेड रहें।
स्क्रीन टाइम कम करें: 20-20-20 नियम अपनाएं—हर 20 मिनट में 20 फीट दूर देखें और 20 सेकंड तक आंखें आराम दें।
ब्लू लाइट ब्लॉकर चश्मा पहनें: इससे स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक किरणों से आंखों की रक्षा होगी।
पर्यावरणीय बदलाव करें: एयर कंडीशनर और हीटर के अत्यधिक प्रयोग से बचें, घर में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
नींद का ध्यान रखें: रोजाना 7-9 घंटे की नींद लें और सोते समय आंखों की नमी बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप्स का उपयोग करें।
सूरज और धूल से बचाव करें: बाहर निकलते समय UV प्रोटेक्शन वाले चश्मे पहनें और प्रदूषण से बचने के लिए आंखों को ढककर रखें।
आंखों की सेहत का ध्यान रखना हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि इनका सही तरीके से काम करना हमारी जीवनशैली को प्रभावित करता है। ड्राई आई डिजीज को हल्के में लेना गंभीर दृष्टि समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, समय रहते स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद और स्क्रीन के संतुलित उपयोग जैसी आदतें अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि परेशानी लगातार बनी रहे, तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें।