फैटी लिवर डिज़ीज है चुपचाप बढ़ने वाली घातक बीमारी, जानें लक्षण और बचाव

लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन जब इसमें चुपचाप चर्बी जमने लगती है तो यह धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खोने लगता है...;

Update: 2025-09-17 19:14 GMT
फैटी लिवर के कारण, बचाव और उपचार

Fatty Liver :   फैटी लिवर डिज़ीज़ (Fatty Liver Disease) आज दुनिया में एक ऐसी समस्या बन चुकी है, जिसे अक्सर लोग देर से पहचानते हैं। लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन जब इसमें चुपचाप चर्बी जमने लगती है तो यह धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खोने लगता है। वैज्ञानिक इसे एक "साइलेंट किलर" कहते हैं क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण इतने हल्के और साधारण होते हैं कि लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं। यहां जानें, फैटी लिवर से बचने के लिए क्या करें और किन लक्षणों के आधार पर इस बीमारी की पहचान करें...

फैटी लिवर डिज़ीज़ कितनी बड़ी समस्या है?

2023 की Journal of Hepatology रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब 20 लाख लोग लीवर डिज़ीज़ से मरते हैं और दुनिया में होने वाली कुल मौतों का 4 प्रतिशत सिर्फ लीवर डिज़ीज़ की वजह से होता है। यानी कि हर 25 मौतों में से एक मौत की जड़ फैटी लिवर जैसी समस्या हो सकती है। भारत जैसे देशों में जहां लाइफस्टाइल और खानपान तेजी से बदल रहा है, वहां इसके मरीज और भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

फैटी लिवर डिज़ीज़ दो प्रकार की होती है

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD): यह शराब न पीने वालों में भी पाई जाती है और ज्यादातर केस इसी के होते हैं।

एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ : यह अत्यधिक शराब सेवन से जुड़ी होती है।


8 संकेत जिन्हें कभी नजरअंदाज न करें

लीवर जब फैटी लिवर डिज़ीज़ से प्रभावित होता है तो शरीर हमें छोटे-छोटे संकेत भेजता है। इन्हें पहचानना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि समय रहते इलाज न मिलने पर यह सिरोसिस (Cirrhosis), लीवर फाइब्रोसिस (Fibrosis) या यहां तक कि लीवर कैंसर में भी बदल सकता है...

अनजाना वजन बढ़ना, खासकर पेट के आसपास।

लगातार थकान और कमजोरी, चाहे पर्याप्त नींद ही क्यों न ली हो।

ऊपरी दाहिनी तरफ पेट में दर्द और सूजन।

ब्लड शुगर का बढ़ना, जो इंसुलिन रेसिस्टेंस और फैटी लिवर से जुड़ा होता है।

गाढ़ा पेशाब और हल्के रंग का स्टूल।

पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)—ये एडवांस्ड स्टेज का संकेत है।

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स, जो फैटी लिवर के साथ आमतौर पर देखे जाते हैं।

आसानी से चोट लगना और खून बहना, जो लिवर की गंभीर क्षति का संकेत है।


डायट और लाइफस्टाइल की भूमिका

आजकल के खानपान की आदतें फैटी लिवर के सबसे बड़े कारणों में गिनी जाती हैं। World Journal of Gastroenterology में छपी एक रिसर्च के अनुसार, सिर्फ 5 से 7 साल तक रोज़ाना एक सोडा पीना भी 30 साल की उम्र तक एडवांस्ड फैटी लिवर डिज़ीज़ का खतरा कई गुना बढ़ा देता है। यानी आपकी पसंदीदा कोल्ड ड्रिंक या मीठा ड्रिंक लीवर को चुपचाप कमजोर बना रहा है।

इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड शुगर, तैलीय खाना, कम नींद और एक्सरसाइज की कमी भी फैटी लिवर की जड़ें गहरी कर देती हैं। यही वजह है कि डॉक्टर और शोधकर्ता इसे "लाइफस्टाइल डिज़ीज़" मानते हैं।


क्यों है फैटी लिवर खतरनाक?

लीवर हमारे शरीर में 500 से भी ज्यादा फंक्शन करता है। पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन, इम्यूनिटी और ऊर्जा निर्माण सब इसी पर निर्भर करते हैं। लेकिन जब इसमें फैट जम जाता है तो शुरुआत में तो यह बिना शोर-शराबे के काम करता रहता है। धीरे-धीरे यह सूजन और स्कारिंग में बदलकर लिवर को कठोर (Fibrosis) बना देता है। यदि यह सिरोसिस या कैंसर तक पहुंच जाए तो स्थिति जानलेवा हो सकती है।


क्या करें बचाव के लिए?

फैटी लिवर से बचाव का सबसे बड़ा मंत्र है लाइफस्टाइल में सुधार। हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम, मीठे और तैलीय खाने से परहेज, वजन को कंट्रोल में रखना और नींद पूरी करना बेहद ज़रूरी है। रिसर्च यह भी बताती है कि 10 प्रतिशत वजन कम करना फैटी लिवर डिज़ीज़ को काफी हद तक रिवर्स कर सकता है।

फैटी लिवर डिज़ीज़ को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह चुपचाप बढ़ती है, शरीर संकेत देता है लेकिन हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं। अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस होता है तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है। याद रखिए कि आज का एक छोटा कदम, कल आपको बड़े खतरे से बचा सकता है।



डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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