डायबिटीज का रिस्क बढ़ा रहीं ये 'हेल्दी' ड्रिंक्स! यंग जनरेशन पर खतरा
हेल्दी ड्रिंक समझकर नाश्ते में भरते हैं इस टेस्टी ड्रिंक का गिलास तो आपको सतर्क होने की आवश्यकता है। अमेरिका और जर्मनी की साझा रिसर्च में सामने आई ये बात...;
Blood Sugar Spike And Fruit Juice: कभी एक गिलास फ्रूट जूस सुबह की ताज़गी और सेहत का प्रतीक माना जाता था। चमचमाती बोतल, "100% नेचुरल" के दावे और उसमें भरे विटामिन C की बातों ने जूस को हेल्दी ब्रेकफास्ट का सुपरस्टार बना दिया था। लेकिन अब विज्ञान कहता है – थोड़ा रुको और दोबारा सोचो!
अमेरिका की Brigham Young University (BYU) और जर्मनी के रिसर्च संस्थानों द्वारा मिलकर की गई इस रिसर्च में जूस और डायबिटीज़ के बीच का कनेक्शन गंभीरता से सामने आया है। स्टडी ने साफ कर दिया है कि यह प्यारी-सी और ‘हेल्दी’ माना जानी जाने ड्रिंक आपको टाइप-2 डायबिटीज़ के करीब ले जा सकती है।
पुरानी सोच: जूस यानी सेहत
फल से बना है, तो सेहतमंद ही होगा – यही सोचकर दशकों से हम बच्चों को जूस दे रहे हैं, फिटनेस कैफे में पी रहे हैं और सोच रहे हैं कि हमने हेल्दी चॉइस की। लेकिन असली बात ये है कि फल से निकलते ही उसमें से फाइबर गायब हो जाता है, और बचती है बस लिक्विड शुगर — वो भी एक बड़ी मात्रा में।
नई खोज: जूस और डायबिटीज़ का छुपा रिश्ता
इस रिसर्च में 5 लाख से ज़्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। रिसर्चर्स का मकसद था – ये समझना कि अलग-अलग रूप में ली गई शुगर डायबिटीज़ के रिस्क को कैसे प्रभावित करती है।
रिसर्च कहती है
हर दिन 230 ml फल जूस पीने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 5% तक बढ़ जाता है।
वहीं 350 ml मीठे ड्रिंक्स (जैसे कोल्ड ड्रिंक) डायबिटीज़ का खतरा 25% तक बढ़ाते हैं।
नेचुरल शुगर (जो फल या दूध में होती है) का इतना खतरनाक असर नहीं देखा गया। कई बार ये शरीर को सुरक्षा भी देती है।
नतीजा साफ है, पीने वाली शुगर चाहे जूस की हो या सोडे की। शरीर पर ज्यादा हावी होती है खाने वाली शुगर की तुलना में।
शुगर पीना, खाना क्यों नहीं है बराबर?
जब आप शुगर ड्रिंक के जरिए लेते हैं तो वो सीधा और तेजी से ब्लडस्ट्रीम में जाती है, जिससे अचानक ब्लड शुगर स्पाइक होता है। इससे लिवर पर दबाव बढ़ता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होती है यानी डायबिटीज़ की ओर पहला कदम। लेकिन जब आप पूरा फल खाते हैं, तो उसमें फाइबर होता है, जो शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करता है और यही प्रक्रिया ब्लड शुगर को संतुलित रखती है।
जूस नहीं तो क्या पिएं? बेहतर और समझदार विकल्प
होल फ्रूट स्मूदीज़ – फल का गूदा और छिलका भी शामिल करें। साथ में चिया सीड्स या अलसी मिलाएं – न्यूट्रिशन का सुपरबूस्ट!
इन्फ्यूज्ड वॉटर – नींबू, ककड़ी, बेरीज़ या तुलसी डालें पानी में। दिखने में भी सुंदर, पीने में भी सेहतमंद – और शुगर फ्री!
अनस्वीटनड नारियल पानी – हाइड्रेटिंग, पोटैशियम से भरपूर और नेचुरल। लेकिन ध्यान रहे, इसे भी सीमित मात्रा में लें।
जूस से मोहब्बत करना गलत नहीं है लेकिन आँखें बंद करके इसे हेल्दी मानना अब खतरनाक हो सकता है। अगर आपको वाकई अपनी मेटाबॉलिक हेल्थ की फिक्र है तो ये वक्त है, अपनी ड्रिंकिंग हैबिट्स पर पुनर्विचार करने का। आपके गिलास में क्या है, वो तय करेगा कि कल आपकी सेहत कैसी होगी।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।