डॉक्टर त्यागी ने बताया, टूटते नाखून और झड़ते बालों से आज़ादी का उपाय
यह सोच पूरी तरह सही नहीं है कि मॉनसून में बाल अधिक झड़ते हैं। बारिश के दिनों में बालों के झड़ने की स्थिति आमतौर पर तभी बनती है, जब आपके बाल ठीक से सूख नहीं पाते;
Hair And Nails Care Tips: बात महिलाओं की हो या पुरुषों की बालों और नाखूनों की सेहत देखकर भी अपने स्वास्थ्य के बारे में पता किया जा सकता है। यहां जानेंगे कि कैसे पतले होते बाल, बालों का झड़ना, नाखूनों का टूटना या नाखूनों में धारियां हो जाना। ये लक्षण किस बात का संकेत होते हैं। आखिर हमारे शरीर के अंदर ऐसा कौन-सा बदलाव हो रहा होता है, जो बालों या नाखूनों के माध्यम से अपने प्रारंभिक लक्षण दिखाता है। इस बारे में हमने बात की सीनियर फीजिशियन डॉक्टर दिनेश त्यागी...
मॉनसून में बालों के झड़ने का वास्तविक कारण
डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि एक दिन में कितने बाल झड़ना सामान्य है, इस पर गिनती नहीं की जा सकती। यदि कंघी करते समय आपके बाल गुच्छे के रूप में उतर रहे हैं, बालों के बीच गैप बनने लगा है या बाल तेजी से पतले और कम हो रहे हैं तब आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हालांकि यह सोच पूरी तरह सही नहीं है कि मॉनसून में बाल अधिक झड़ते हैं। बारिश के दिनों में बालों के झड़ने की स्थिति आमतौर पर तभी बनती है, जब आपके बाल ठीक से सूख नहीं पाते और लंबे समय तक गीले रहते हैं। आप बारिश में भीग जाएं और बालों को ठीक से सुखा नहीं पाएं तो बालों में फंगल इंफेक्शन बहुत जल्दी पनप जाता है। कई बार बालों की स्कैल्प यानी जड़ों में भी इंफेक्शन लग जाता है, जिस कारण फोड़े-फुंसियां या छोटे-छोटे दानें हो सकते हैं। आपके बालों में किसी तरह का कोई इंफेक्शन हो गया हो तब ही मॉनसून में बाल अधिक गिरते हैं।
कम उम्र में क्यों सफेद होते हैं बाल?
क्या वजह है कि कुछ लोगों के बाल कम उम्र में सफेद होने लगते हैं? इस प्रश्न के उत्तर में डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि कम उम्र में बालों के सफेद होने के पीछे कई कारण होते हैं। जैसे, जेनेटिक्स यानी अनुवांशिकता, बहुत अधिक तनाव में रहना या लंबे समय तक भोजन में सही पोषक तत्वों का शामिल ना होना।
इन सबसे बचने के उपाय यही हैं कि महत्वाकांक्षी होना बुरा नहीं है लेकिन अपने ऊपर तनाव को इतना हावी ना होनें दे कि ये आपके ही शरीर को हानि पहुंचाए। इसके लिए आप ध्यान अर्थात मेडिटेशन और प्राणायाम अर्थात ब्रीदिंग एक्सर्साइज़ करें। साथ ही अपने भोजन में पोषक तत्वों की आपूर्ति बनाए रखने पर ध्यान दें। किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ जैसे, डायटीशियन से परामर्श करें और अपने ज्ञान में भी वृद्धि करें।
कपड़ों और बालों को अच्छी तरह सुखाएं। बारिश के मौसम में छाता हर समय साथ रखें। यंग बच्चे ऐसा करने से बचते हैं। तो छाता उपयोग करने में संकोच ना करें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बालों से जुड़ी इस समस्या से बच सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर दिक्कत हो जाए तो डॉक्टर से मिले।
स्प्लिट ऐंड्स की समस्या
बालों का चिरना यानी स्प्लिट ऐंड्स की समस्या और बालों में गांठ बनना किन कारणों से होता है? यह पूछने पर डॉक्टर त्यागी ने बताया कि थायरॉइड या हाइपोथायरॉडिज़म की समस्या है तो ये हमारी सेहत और हमारे बालों की सेहत दोनों के लिए बहुत हानिकारक होता है। बालों के झड़ने, चिरने या टूटने के कारणों में यह एक मुख्य कारण होता है।
बारिश में क्यों पक जाते हैं नाखून?
नाखूनों में फंगस लगना या नाखून पकना, ये दिक्कत यूं तो कभी भी हो सकती है लेकिन बारिश के मौसम में अधिक होती है। इसके क्या कारण होते हैं? यह पूछने पर डॉक्टर त्यागी ने कहा कि नाखूनों की चमक या सेहत में परिवर्तन होने के कई कारण होते हैं। लेकिन अगर मॉनसून को ध्यान में रखकर बात की जाए तो मैं फंगल इंफेक्शन के बारे में पहले सोचूंगा। बाकि तो समस्या देखने के बाद ही सही प्रकार से कुछ कहा जा सकता है। साथ ही जब नाखूनों का रंग या चमक की बात करते हैं तो खून की कमी होना या पीलिया यानी जॉइंडिस की समस्या होने पर नाखूनों के रंग में अंतर आ जाता है।
पतले होते नाखूनों का कारण
नाखनों का लगातार पतला होना और जल्दी-जल्दी टूटना क्या केवल कैल्शियम की कमी ही दर्शाता है या किसी और बीमारी का संकेत भी होता है? इस प्रश्न पर डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व तो आवश्यक हैं हीं। इनके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं, जो नाखूनों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह व्यक्ति की सेहत और आदतों, पोषण और परिस्थियों से जुड़े कारण होते हैं।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
बारिश के मौसम में सेहत को सही रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी भी बनी रहे? इस प्रश्न पर डॉक्टर त्यागी बताते हैं कि मॉनसून में स्ट्रीट फूड से बचें। बासी खाना ना खाएं क्योंकि इस मौसम में खाना बहुत जल्दी खराब हो जाता है। भले ही उसमें सड़ने की गंध ना आए लेकिन बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनप जाते हैं। इसलिए इस मौसम में ताज़ा बना हुआ भोजन करना निरोग रहने का एक ओपन सीक्रेट है।
बालों और नाखूनों में होने वाले परिवर्तन देखकर हम कैसे अपने शरीर के अंदर पनपने वाली बीमारी को समझ सकते हैं? यह पूछने पर डॉक्टर त्यागी ने बताया कि जब आपको अनुभव हो कि आपके बाल पहले की तुलना में अधिक टूट रहे हैं या लगातार पतले हो रहे हैं या फिर सिर में कहीं पैचेज बनने लगे हैं तो डॉक्टर से जल्दी मिलना चाहिए। इन दिक्कतों को मौसमी समझकर अनदेखा करने से स्थिति गंभीर हो सकती है।
नाखूनों पर भी यही बात लागू होती है कि अगर आपके नाखून जल्दी टूट रहे हैं, पपड़ी बनकर उतर रहे हैं या इनके रंग में बदलाव हो रहा है तो डॉक्टर से परामर्श करें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई या सप्लिमेंट्स ना लें। ऐसा करना सेहत पर भारी पड़ सकता है।
डिसक्लेमर - यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।