आखिर क्यों होती है हाई BP की समस्या, शरीर में होते हैं कौन से बदलाव?
ब्लड प्रेशर बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं। ठीक इसी तरह हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण भी हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। सिर दर्द से लेकर गुस्सा आना और घबराहट होना..;
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो बिना किसी चेतावनी के शरीर में अंदरूनी तबाही मचा सकता है। यह एक साइलेंट किलर की तरह काम करता है, जो धीरे-धीरे हृदय, दिमाग, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन आखिर बीपी हाई क्यों होता है? और जब यह बढ़ता है, तो शरीर में कौन-कौन से बदलाव होते हैं? आइए, इसे गहराई से समझते हैं...
बीपी हाई क्यों होता है?
हाई ब्लड प्रेशर का कोई एक कारण नहीं होता। यह कई बाहरी और आंतरिक कारकों के कारण बढ़ सकता है...
अधिक नमक और खराब खानपान
बहुत ज्यादा नमक (सोडियम), तली-भुनी चीजें, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड खाने से रक्तचाप बढ़ता है। इससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं और हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है।
तनाव और चिंता
लगातार मानसिक तनाव लेने से शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देते हैं और बीपी बढ़ा देते हैं।
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
अधिक वजन होने से हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, उनमें हाई बीपी का खतरा दोगुना हो जाता है।
धूम्रपान और शराब
सिगरेट में मौजूद निकोटिन और शराब में मौजूद टॉक्सिन्स रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बीपी तेजी से बढ़ सकता है।
जेनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रही है, तो आपको भी यह हो सकता है।
किडनी और हार्मोनल समस्याएं
अगर किडनी सही से काम नहीं कर रही है या थायरॉइड, एड्रेनल ग्लैंड जैसी हार्मोनल समस्याएं हैं, तो बीपी बढ़ सकता है।
जब बीपी हाई होता है, तो शरीर में क्या बदलाव आते हैं?
हाई ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे शरीर के अंदर कई बड़े बदलाव लाता है, जो अगर समय पर रोके न जाएं, तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हृदय पर असर
हाई बीपी के कारण हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं। इससे हार्ट अटैक, हृदय फेलियर और एरिदमिया (अनियमित दिल की धड़कन) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दिमाग पर असर
मस्तिष्क तक सही तरीके से खून न पहुंचने के कारण स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक हाई बीपी रहने से याददाश्त कमजोर हो सकती है और डिमेंशिया जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
रक्त वाहिकाओं में नुकसान
हाई ब्लड प्रेशर से धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे ब्लॉकेज बनने लगता है और अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यह स्थिति एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) का कारण बन सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी को नुकसान
जब हाई बीपी लगातार किडनी की रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, तो उनकी फिल्टर करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है और डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
आंखों पर असर
हाई बीपी से आंखों की छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे रेटिनोपैथी नामक समस्या हो सकती है। इससे धीरे-धीरे दृष्टि कमजोर हो सकती है और गंभीर मामलों में अंधापन भी हो सकता है।
मेटाबॉलिज्म पर असर
हाई बीपी इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ा सकता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। यह शरीर की चयापचय दर (Metabolism) को भी प्रभावित करता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है।
हाई बीपी को कंट्रोल कैसे करें?
अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना है, तो कुछ आदतें अपनाना जरूरी है।
हेल्दी डाइट अपनाएं
नमक कम करें। प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक नमक न लें। हरी सब्जियां और फल खाएं – इनमें मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को संतुलित रखता है। प्रोसेस्ड और तली-भुनी चीजें कम खाएं – इनमें सोडियम और ट्रांस फैट अधिक होता है, जो बीपी बढ़ा सकता है।
नियमित व्यायाम करें
हर दिन 30 मिनट वॉक करें, यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है। योग और मेडिटेशन करें – इससे तनाव कम होगा और बीपी नियंत्रित रहेगा।
तनाव से बचें
मेडिटेशन, गहरी सांस लेना और अच्छी नींद तनाव कम करने में मदद करती है। वर्क-लाइफ बैलेंस बनाकर रखें और खुद को मानसिक रूप से शांत रखने की कोशिश करें।
धूम्रपान और शराब से बचें
सिगरेट और शराब को छोड़कर ब्लड प्रेशर 20-30% तक कम किया जा सकता है।
नियमित ब्लड प्रेशर चेक करें
अगर बीपी बार-बार हाई रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लें और दवाएं नियमित रूप से लें।
हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, जो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है। इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। सही खानपान, नियमित व्यायाम, तनाव नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। अगर बीपी बढ़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें कि बीपी को नियंत्रण में रखना, लंबी और स्वस्थ जिंदगी का राज़ है!