मावे की मिठाइयों का विकल्प हैं ये स्वीट्स, इनसे मनाएं हेल्दी होली
होली हो या कोई अन्य पर्व, जब भी किसी त्योहार पर मिठाइयों की मांग बढ़ती है तो मार्केट में मिलावटी मिठाइयों की बाढ़-सी आ जाती है। ऐसे में सतर्क होना जरूरी है...;

Holi 2025: रंगों का त्योहार 'होली' एक बार फिर अपने साथ ढेर सारी खुशियां और उमंगें लेकर आ चुका है। बदलते मौसम में आने वाला ये त्योहार आपके लिए स्वास्थ्य और खुशियों की यादों से भरा हुआ रहे, इसके लिए आपको कुछ छोटी-छोटी लेकिन बहुत आवश्यक बातों पर ध्यान देना होगा। इन बातों में स्किन और हेयर केयर से लेकर रंगों के चुनाव तक और मिठाइयों से जुड़ी जरूरी बातें सम्मिलित हैं। यहां जानें, होली 2025 को लाइफ की बेस्ट होली बनाने के आवश्यक सुझाव...
होली पर किन मिठाइयों से बचें
यूं तो होली की पारंपरिक मिठाई गुजिया ही है, जिसे कुछ स्थानों पर गुंझिया भी कहा जाता है। कुछ साल पहले तक लोग घर पर ही होली के 15 से 20 दिन पहले गुजिया बनाया करते थे। पूरा परिवार मिलकर ये काम करता था और गुजिया बनाना एक फैमिली गेट-टु-गेदर जैसा होता था। जबकि कई स्थानों पर पूरी कॉलोनी या मुहल्ले की महिलाएं एक-एक कर नंबर लगाकर गुजिया बनाती थीं। ऐसे में सारी महिलाएं एक साथ पहले किसी एक घर के लिए गुजिया बनाती और फिर दूसरे घर के लिए। ऐसे में सबका साथ-बैठना, हंसना-बोलना भी हो जाता था और गुजिया बनाना किसी बड़े काम की तरह नहीं लगता था। हालांकि अब बड़े शहरों की तरह ही छोटे शहरों से भी ये रिवाज गायब होता जा रहा है। ऐसे में बाजार में मिलने वाली गुजिया की मांग और खपत दोनों बढ़ गई हैं। जिससे गुजिया बनाने में उपयोग होने वाले मावे या खोए की क्वालिटी हमेशा संदेह के घेरे में रहती है। क्योंकि होली के समय पर अक्सर मार्केट में नकली मावे और खोए की सप्लाई से जुड़ी खबरें सामने आती रहती हैं।
ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स यही सुझाव देते हैं कि या तो आप घर पर मावा तैयार करके, उसी से गुजिया बनाएं और यदि आपके लिए ऐसा कर पाना संभव ना हो तो ऐसी मिठाइयों को प्राथमिकता दें, जिन्हें बनाने में मावे और खोए का उपयोग नहीं होता है।
होली के लिए बेस्ट मिठाइयां
मावे से बनी मिठाइयों के कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिन्हें अपनाकर आप होली की मिठास भी कायम रख सकते हैं और सेहत का ध्यान भी रख सकते हैं।
बेसन से बनी मिठाइयों का चुनाव आप कर सकते हैं। जैसे, बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू, बेसन की बर्फी इत्यादि। इनके साथ ही आप आटा और गुड़ या मैदा और गुड़ या मैदा और शुगर से बनी मिठाइयों का चुनाव भी कर सकते हैं। जैसे, बालुशाही, रसगुल्ले या छेने से बनी दूसरी मिठाइयां। नमक पारे, शक्कर पारे, गुड़ पारे, तिल पारे, मट्ठी या मटरी इत्यादि भी होली का रंग जमाने में अहम रोल निभाते हैं।
स्वाद बढ़ाती हैं ये चीजें
दाल से बने चिप्स, आलू से बने चिप्स, दही भल्ले, टिक्की, पपड़ी चाट तो होली का रंग जमा ही देते हैं। इनका सेवन दिन के समय करें, विशेषरूप से धूप के समय में ताकि आपको सेहत संबंधी कोई समस्या ना हो। ध्यान रहे कि दही से बनी चीजें सूरज ढलने के बाद नहीं खानी हैं। दिन में कम से कम एक बार जिन चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए उनमें शामिल हैं- पारंपरिक विधि से तैयार की गई मसाला छाछ और जलजीरा। ये दोनों ही डायजेशन को सही बनाए रखने में बहुत मदद करते हैं।
साथ ही यदि आपको गुजिया खानी ही है, जो कि खाने का मन भी होता ही है तो ऐसे में आप अपनी किसी विश्वसनीय शॉप से गुजिया जरूर खरीद सकते हैं, जहां आपको इस बात का पूरा भरोसा हो कि आपके साथ धोखा नहीं होगा और आपको सही मावे वाली बिना मिलावट की गुजिया दी जाएंगी।
डिसक्लेमर: यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। ताकि आप सतर्कता और सावधानी से होली का आनंद ले सकें।