खट्टी डकार और अपच से परेशान हैं तो डेली लाइफ में ना करें ये गलतियां
अपच की समस्या यानी पेट में गया भोजन ठीक से डायजेस्ट नहीं हो पाना और खट्टी डकार यानी अत्यधिक अम्ल का बनना, जिससे डकार के साथ कम या अधिक मात्रा में एसिड भी आता है;
डकार के साथ एसिड भी आता है, जिससे गले और सीने में तेज जलन का अनुभव होता है... या खाना खाने के बाद पेट फूल जाता है, बेचैनी होने लगती है, पेट में हल्का या तेज दर्द होता है या खाना खाते ही नींद आने लगती है... इनमें से कोई भी समस्या आपको परेशान कर रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि आपका पाचनतंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है...
क्यों खराब होता है पाचन?
पाचन ठीक से ना होना या पाचनतंत्र का कमजोर हो जाना मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी डायजेस्टिव फायर अपना काम ठीक से कर पा रही है या नहीं। डायजेस्टिव फायर को आयुर्वेद में जठराग्नि कहते हैं। हमारे खाए हुए भोजन को सही प्रकार से पचाने का कार्य इसी डायजेस्टिव फायर के कारण होता है। लेकिन जब हम अनजाने में अपनी डेली लाइफ में कुछ ऐसी गलतियां करने लगते हैं, जिनके कारण हमारी डायजेस्टिव फायर कमजोर हो जाती है तो हमें अपच और खट्टी डकारों सहित उन कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जो ऊपर बताई गई हैं।
पचान खराब होने का कारण?
अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर हम अपनी डेली लाइफ में जाने-अनजाने ऐसी कौन-सी भूल करते हैं, जो हमारा पाचनतंत्र खराब हो जाता है और पाचकाग्नि या जठराग्नि कमजोर हो जाती है...
खाना खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी पीना- खाना खाते ही गिलास भरकर ठंडा पानी पीने से आपको गर्मी में राहत का अनुभव तो हो सकता है लेकिन इससे आपकी पाचकाग्नि मंद पड़ जाती है। इसलिए खाना खाने के बाद यदि बहुत अधिक प्यास लगी है तो एक-दो घूंट पानी ही पिएं। और यदि अधिक मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता है तो इस पानी को हल्का-सा गुनगुना कर लें। खाना खाने के 30 मिनट बाद ही आपको ठंडा पानी पीना चाहिए।
चाय के साथ नमक से बनी चीजें खाना- चाय के साथ नमकीन या नमक से बने बिस्किट या दूसरे स्नैक्स खाना हमारे रुटीन का हिस्सा बने हुए हैं। कई लोग तो कॉफी के साथ भी नमक से बनी चीजों को इंजॉय करते हैं! क्योंकि ज्यादातर लोग ये नहीं जानते हैं कि जब आप चाय के साथ (दूध से बनी चाय के साथ) नमक का सेवन करते हैं तो आप दो विरुद्ध प्रकृति की चीजों का एकसाथ सेवन करते हैं। जैसे, दूध और नमक। आयुर्वेद में इस कॉम्बिनेशन को 'विरुद्ध आहार' का नाम दिया गया है। इन्हें साथ में खाने से शरीर के अंदर टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ जाती है, जो अपच और खट्टी डकारों का कारण बनती है।
गलत समय पर और गलत तरीके से दूध पीना- दूध सेहत के लिए बहुत अधिक गुणकारी होता है। हालांकि आज के समय में बहुत से लोग इस बात का खंडन करते हुए मिल जाएंगे कि वयस्क लोगों को दूध पीना चाहिए। लेकिन दूध भारतीय खान-पान का अभिन्न अंग है और ये शरीर को तभी लाभ पहुंचाता है, जब आप इसका सेवन सही समय पर और सही प्रकार से करें। दूध पीते समय लोग अक्सर कुछ गलतियां करते हैं, जिससे पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है। जैसे, खाना खाने के कुछ ही देर बाद दूध पी लेना। जबकि भोजन और दूध के बीच कम से कम दो घंटे का गैप होना चाहिए। इस बात का ध्यान ना रखने पर दूध का सेवन करने से शरीर को लाभ के स्थान पर हानि होती है। क्योंकि दूध और भोजन, जब एकसाथ शरीर के अंदर मिलते हैं तो इस दौरान होने वाली रसायनिक क्रियाओं में बहुत सारे विषैले तत्व बनते हैं, जो खट्टी डकार और अपच को लीड करते हैं।
डायजेशन को डिस्टर्ब करती हैं ये ऐक्टिविटीज
ऐसी ही डायट से जुड़ी अन्य ऐक्टिविटीज भी हैं, जो डायजेशन को डिस्टर्ब करती हैं और खट्टी डकारों का कारण बनती हैं। जैसे, खाना खाते ही सोने चले जाना। इससे पाचनतंत्र को खाए हुए भोजन को पचाने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता और पाचकाग्नि मंद पड़ने लगती है।
खाना खाने के बाद एक ही स्थान पर घंटों बैठे रहना। यह भी एक ऐसी आदत है, जो डायजेस्टिव सिस्टम को स्लो करने का काम करती है।
डेली लाइफ में योगाभ्यास, व्यायाम और ध्यान ना करना। इन कारणों से मन और मस्तिष्क के बीच आपसी संतुलन नहीं बना रहता है और भूख तथा भोजन की मात्रा को लेकर होने वाली गलत गणना के चलते पाचन खराब हो जाता है।
पाचन को सुधारने के तरीके
अब बात करते हैं खट्टी डकारों और अपच की समस्या से बचने के लिए पाचन को बेहतर बनाने के तरीकों पर...
खाना खाने के बाद सौंफ-मिश्री का सेवन अवश्य करें। ये भोजन को जल्दी बचाने और पाचकाग्नि को बनाए रखने में मदद करती है।
खाना खाने के बाद 10 मिनट के लिए वज्रासन में बैठें और फिर कम से कम 15 मिनट की वॉक धीमें कदमों से करें।
खाना खाने के तुरंत बाद ढेर सारा पानी पीने की आदत पर तुरंत कंट्रोल पाएं। पानी पीना ही हो तो हल्का-सा गुनगुना पिएं।
यदि इन सभी बातों को एक से दो सप्ताह तक पालन करने के बाद भी अपच की समस्या और खट्टी डकारों का आना बना रहता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ताकि किसी गंभीर रोग के खतरे से बचा जा सके।