भारतीय बाजार में खूब बिकते हैं ये फेमस विदेशी फल, डॉक्टर ने बताई सच्चाई
ड्रैगन फ्रूट, कीवी और ऐवोकाडो जैसे विदेशी फलों के प्रति हमारे लोगों में आजकल एक अलग क्रेज देखने को मिलता है। क्या ये फल देसी फलों की तरह ही हमारे लिए बेस्ट हैं?;
Foreign Fruits Benefits: देसी और विदेशी फल दोनों ही अपने-अपने पोषक तत्वों के लिए जाने जाते हैं। यह सच है कि किसी क्षेत्र में उगने वाले फल उस क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और लोगों की आहार आवश्यकताओं के अनुरूप होते हैं। लेकिन वैश्वीकरण और आधुनिक कृषि तकनीकों के कारण विदेशी फल भी अब हमारे देश में आसानी से उपलब्ध हैं। अब यहां प्रश्न ये उठता है कि क्या ये फल हमारे लिए उतने ही लाभकारी हैं कि जितने हेल्दी उन देशों में रहने वाले लोगों के लिए होते हैं, जहां से इन्हें इंपोर्ट किया गया है? क्योंकि हमारे देश में भी ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो जैसे फ्रूट्स को काफी प्रमोट किया जा है। डॉक्टर अबरार मुल्तानी से जानें, किन फलों को आपको अपनी डायट में प्रायॉरिटी देनी चाहिए...
देसी फलों के फायदे
आम: विटामिन C, A, और फाइबर का अच्छा स्रोत। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और पाचन में मदद करते हैं।
केला: पोटैशियम, विटामिन B6 और ऊर्जा का त्वरित स्रोत। यह दिल की सेहत और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है।
अमरूद: विटामिन C का उत्कृष्ट स्रोत, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें फाइबर भी होता है, जो पाचन के लिए अच्छा है।
पपीता: पाचन एंजाइम (पपैन) और विटामिन A, C, E से भरपूर। यह त्वचा और आँखों के लिए फायदेमंद है।
विदेशी फलों के फायदे
ड्रैगन फ्रूट: कम कैलोरी, उच्च फाइबर, और विटामिन C, E का स्रोत। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स (बेटासायनिन) होते हैं, जो सूजन कम करते हैं।
एवोकाडो: हेल्दी फैट्स (मोनोअनसैचुरेटेड), विटामिन E, K, और पोटैशियम से भरपूर। यह दिल और त्वचा के लिए अच्छा है।
कीवी: विटामिन C और E, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स का बेहतरीन स्रोत। यह इम्यूनिटी और पाचन को बढ़ावा देता है।
ब्लूबेरी: एंटीऑक्सिडेंट्स (एंथोसायनिन) से भरपूर, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य और हृदय रोगों से बचाव में मदद करते हैं।
कौन-से फल बेस्ट हैं, देसी या विदेशी?
दोनों प्रकार के फल पोषण से भरपूर हैं। विदेशी फल कुछ विशिष्ट पोषक तत्वों (जैसे हेल्दी फैट्स या खास एंटीऑक्सिडेंट्स) में बढ़त ले सकते हैं। लेकिन देसी फल सामान्य पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने में उतने ही प्रभावी हैं।
यह धारणा है कि स्थानीय फल उस क्षेत्र के लोगों की पोषण आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं, काफी हद तक सही है। उदाहरण के लिए, भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में उगने वाले फल (जैसे आम, पपीता) विटामिन C और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो गर्म जलवायु में इम्यूनिटी और हाइड्रेशन के लिए जरूरी हैं।
ठंडे क्षेत्रों में उगने वाले फल (जैसे ब्लूबेरी, सेब) एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन से भरपूर होते हैं, जो ठंड में शरीर को गर्म रखने और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं।
हालांकि, आधुनिक जीवनशैली में पोषण की कमी, तनाव, और गतिहीन जीवन के कारण हमारी जरूरतें बदल गई हैं। विदेशी फल, जैसे एवोकाडो (हेल्दी फैट्स) या ब्लूबेरी (मस्तिष्क स्वास्थ्य), इन नई आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।
विदेशी फल: वैरायटी या विकल्प के लिए
विदेशी फल खाने का उद्देश्य सिर्फ वैरायटी तक सीमित नहीं है। वे देसी फलों के पूरक या कुछ मामलों में विकल्प भी हो सकते हैं। क्यों और कैसे इनका प्रभाव शरीर पर पड़ता है, यहां जान लें...
विशिष्ट पोषण: कुछ विदेशी फल ऐसे पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी तो होते हैं लेकिन देसी फलों में कम पाए जाते हैं। जैसे, एवोकाडो में हेल्दी फैट्स होते हैं, जो भारतीय आहार में कम हो सकते हैं।
एलर्जी या उपलब्धता: कुछ लोगों को देसी फलों से एलर्जी हो सकती है या मौसम के कारण देसी फल उपलब्ध न हों। ऐसे में विदेशी फल अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
आधुनिक स्वास्थ्य समस्याएं: मधुमेह, हृदय रोग, या मोटापा जैसी समस्याओं में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले विदेशी फल (जैसे बेरीज) फायदेमंद हो सकते हैं।
विदेशी फल वैरायटी और पोषण दोनों के लिए उपयुक्त हैं। वे देसी फलों को पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं करते। लेकिन पूरक के रूप में महत्वपूर्ण हैं। इसलिए कंप्लीट डायट और पोषण के लिए आपको अपनी फ्रूट डायट में भी बैलेंस बनाकर रखना चाहिए और इसके लिए देसी और विदेशी दोनों तरह के फलों का सेवन करना चाहिए।
विदेशी फलों के सेवन में क्या ध्यान रखें?
इस बात का ध्यान रखें कि विदेशी फल अधिक मात्रा में नहीं खाने चाहिए। क्योंकि इंपोर्ट (विदेश से आने में लगने वाला समय) के दौरान कई बार महीनों का समय लगता है। इस दौरान इन्हें ताजा रखने के लिए कई प्रकार के प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग किया जा सकता है। इससे इनके गुणों में कमी हो सकती है और ये शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। जबकि देसी फल ताजे और कम प्रिजर्वेटिव्स के साथ उपलब्ध रहते हैं।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।