पालतू जानवर घर ला सकते हैं ये खतरनाक संक्रमण, ऐसे पहचानें 'लाइम रोग'
पेट्स को सही तरीके से पाला जाए तो यह शौक काफी खर्चीला होता है। लेकिन अगर आप अपने पेट्स की हाइजीन और केयर को लेकर लापरवाही रखते हैं तो 'लाइम रोग' तंग कर सकता है;
Lyme Disease: क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से कीट के काटने से गंभीर बीमारी हो सकती है? लाइम रोग (Lyme Disease) एक ऐसी ही बीमारी है, जो संक्रमित ब्लैक-लेग्ड टिक्स (क्लैमेक्स टिक्स) के काटने से होती है। यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो यदि समय पर इलाज न किया जाए तो गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि लाइम रोग क्या है, यह कैसे फैलता है, इसके लक्षण, बचाव और उपचार के तरीके क्या हैं...
लाइम रोग क्या है?
लाइम रोग एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो बोरेलिया बर्गडॉर्फरी (Borrelia Burgdorferi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से संक्रमित टिक्स (Ticks) के काटने से फैलती है। टिक्स छोटे परजीवी कीड़े होते हैं, जो इंसानों और जानवरों के खून पर जीवित रहते हैं।
लाइम रोग को यदि शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए तो इसका इलाज आसान होता है। लेकिन देर से निदान होने पर यह जोड़ों, हृदय और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
लाइम रोग कैसे फैलता है?
यह रोग मुख्य रूप से जंगलों, घास के क्षेत्रों और पालतू जानवरों से फैल सकता है। यह निम्नलिखित कारणों से फैल सकता है...
संक्रमित टिक्स के काटने से: जब कोई संक्रमित ब्लैक-लेग्ड टिक किसी इंसान को काटता है, तो बैक्टीरिया खून में प्रवेश कर जाता है और संक्रमण का कारण बनता है।
पालतू जानवरों के माध्यम से: कुत्ते और अन्य पालतू जानवर टिक्स को अपने शरीर पर लेकर घर में ला सकते हैं, जिससे इंसानों को संक्रमण हो सकता है।
जंगलों और घास के क्षेत्रों में जाने से: जिन क्षेत्रों में टिक्स अधिक होते हैं, वहां घूमने से लाइम रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
लाइम रोग के लक्षण
लाइम रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसे तीन चरणों में बांटा जाता है...
प्रारंभिक चरण (पहले कुछ दिन या सप्ताह)
बुल्सआई रैश (Bull's Eye Rash): टिक के काटने के स्थान पर एक लाल घेरा बन जाता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता है और दिखने में बैल की आंख जैसा लगता है। इसके साथ ही कई अन्य हेल्थ प्रॉब्ल्मस हो सकती हैं, जैसे...
हल्का बुखार और सिरदर्द
थकान और कमजोरी
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
दूसरा चरण (कुछ सप्ताह बाद)
गंभीर सिरदर्द और गर्दन में अकड़न
शरीर के अन्य हिस्सों पर लाल चकत्ते
जोड़ों में दर्द और सूजन
दिल की धड़कन में अनियमितता (पैल्पिटेशन)
चेहरे की नसों में कमजोरी (फेशियल पैरालिसिस)
तीसरा चरण (महीनों या वर्षों बाद, यदि इलाज न किया जाए)
पुराना जोड़ दर्द और गठिया (लाइम अर्थराइटिस)
तंत्रिका तंत्र की समस्याएं (याद्दाश्त कमजोर होना, एकाग्रता में कमी)
गंभीर थकान और कमजोरी
लाइम रोग का निदान कैसे किया जाता है?
अगर आपको टिक्स के काटने का संदेह है और ऊपर बताए गए लक्षण नजर आ रहे हैं तो डॉक्टर निम्नलिखित जांच कर सकते हैं...
रक्त परीक्षण: लाइम रोग की पुष्टि के लिए एलिसा टेस्ट (ELISA Test) और वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट (Western Blot Test) किए जाते हैं।
शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर त्वचा पर लाल चकत्तों और अन्य लक्षणों की जांच करते हैं।
स्पाइनल टैप (Lumbar Puncture): यदि तंत्रिका तंत्र प्रभावित हुआ है, तो रीढ़ की हड्डी के द्रव की जांच की जा सकती है।
लाइम रोग का उपचार
अगर लाइम रोग की समय पर पहचान हो जाए, तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसके उपचार में मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं...
डॉक्जीसाइक्लिन (Doxycycline): वयस्कों और 8 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए।
एमोक्सिसिलिन (Amoxicillin) और सेफ्यूरोक्साइम (Cefuroxime): गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए।
अगर बीमारी गंभीर हो जाती है और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, तो अंतःशिरा (Intravenous) एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
लाइम रोग से बचाव कैसे करें?
लाइम रोग से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका टिक्स से बचाव करना है। निम्नलिखित उपाय अपनाकर संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है...
घास और जंगलों में सावधानी बरतें: घास और झाड़ियों में जाने से बचें, खासकर गर्मियों में जब टिक्स अधिक सक्रिय होते हैं। घास वाले इलाकों में लंबी पैंट और फुल स्लीव शर्ट पहनें।
टिक रिपेलेंट (Tick Repellent) का उपयोग करें: ऐसे कीटनाशक (Insect Repellent) का प्रयोग करें जिसमें डीईईटी (DEET), पिकारिडिन (Picaridin) या परमेथ्रिन (Permethrin) हो।
शरीर की जांच करें: बाहर से घर लौटने के बाद अपने शरीर, सिर और कपड़ों की जांच करें कि कहीं टिक चिपका तो नहीं है। बच्चों और पालतू जानवरों की भी जांच करें।
टिक को तुरंत हटाएं: यदि कोई टिक त्वचा पर चिपका हुआ है तो उसे चिमटी (Tweezers) से सावधानीपूर्वक हटाएं। टिक हटाने के बाद प्रभावित जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।
लाइम रोग एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो संक्रमित टिक्स के काटने से फैलता है। हालांकि, यह एक रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी है, अगर समय पर निदान और उपचार किया जाए। जंगलों और घास के क्षेत्रों में सावधानी बरतकर, सही कपड़े पहनकर, और टिक्स से बचने के उपाय अपनाकर इस रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
अगर आपको लाइम रोग के लक्षण दिखें या टिक के काटने का संदेह हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से इस बीमारी के गंभीर प्रभावों को रोका जा सकता है और जीवन को सामान्य बनाए रखा जा सकता है।