महिलाओं में तेजी से फैल रही मैग्नीशियम की कमी, अनदेखी करना पड़ सकता है भारी

थकान, अनियमित दिल की धड़कन, मांसपेशियों में ऐंठन और मूड स्विंग्स—ये हैं वो संकेत जिन्हें नजरअंदाज करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।;

Update: 2025-04-14 15:19 GMT
समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना और डाइट में बदलाव लाना बेहद जरूरी है

अपनी डायट में बैलेंस ना रख पाना, आज के समय की एक बड़ी चुनौती है। जॉब, घर-परिवार और कई दूसरी जिम्मेदारियों के बीच विशेषरूप से महिलाएं अपने फूड पर फोकस नहीं कर पातीं। ये एक बड़ा कारण है कि महिलाओं में न्यूट्रिऐंट्स की कमी से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स कहीं ज्यादा होती हैं। महिलाओं में जिन न्यूट्रिऐंट्स की कमी सबसे अधिक देखने को मिलती है, उनमें से एक है- मैग्नीशियम (Magnesium)।


यह मिनरल शरीर में 300 से अधिक बायोलजिकल प्रॉसेस के लिए ज़रूरी होता है। लेकिन बड़ी संख्या में महिलाएं इसकी कमी से जूझ रही हैं, जिससे थकान, हृदय धड़कन में गड़बड़ी, मांसपेशियों में ऐंठन और मूड स्विंग्स जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। यदि आप ऐसी किसी महिला को जानते हैं, जिसे हर समय थकान की फील होने की शिकायत हो या नसों में दर्द होता हो तो उन तक ये जानकारी जरूर पहुंचा दें...


क्या है मैग्नीशियम और क्यों है ज़रूरी?

मैग्नीशियम (Magnesium) एक आवश्यक खनिज है, जो शरीर में एनर्जी प्रोडक्शन, मांसपेशियों और नसों की कार्यक्षमता, हड्डियों की मजबूती और हार्मोनल बैलेंस में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके अभाव में शरीर की कोशिकाएं ATP (एनर्जी मॉलेक्यूल) को सही से उपयोग नहीं कर पातीं, जिससे व्यक्ति हमेशा थका हुआ महसूस करता है। विशेष रूप से महिलाओं में इसकी कमी के चलते अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन या मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होती है। 

कैसे पहचाने मैग्नीशियम की कमी?


अगर यहां बताए जा रहे लक्षण आपको अपने आप में दिखाई देते हैं तो अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि ये इस बात का सीधा इशारा हैं कि आप अपनी डायट में मैग्निशियम को मिस कर रही हैं...

थकावट कभी दूर नहीं होती। यहां तक कि भरपूर नींद के बाद भी शरीर भारी लगता है?

दिल की धड़कन का गड़बड़ाना – जैसे हार्टबीट कभी तेज़, कभी धीमी?

मांसपेशियों में ऐंठन – खासकर रात में पैरों में खिंचाव होता है?

मूड स्विंग्स और स्ट्रेस – बिना कारण चिड़चिड़ापन, उदासी या बेचैनी?

ये सब संकेत हो सकते हैं कि आपके शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा जरूरत से कम है।

डायट में मैग्नीशियम की कमी के कारण

इसका दोष सिर्फ आपकी आदतों को नहीं दिया जा सकता। लेकिन कुछ चीज़ें जरूर जिम्मेदार हैं...

प्रोसेस्ड और जंक फूड का ज्यादा सेवन करना

बहुत ज्यादा कैफीन या शराब पीना

बार-बार डाइटिंग करना

लगातार स्ट्रेस में रहना

हार्मोनल बदलाव (जैसे पीरियड्स या मेनोपॉज़ के दौरान)

मैग्नीशियम की कमी दूर करने का तरीका

अपनी डाइट में शामिल करें ये सुपरफूड्स...

हरी पत्तेदार सब्जियाँ – जैसे पालक, मेथी

मेवे और बीज – बादाम, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज

साबुत अनाज – ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स

दालें और फलियाँ – काले चने, राजमा, मसूर

डार्क चॉकलेट – हां, 70% कोको वाली चॉकलेट भी अच्छी है!

और अगर आपके खाने से पूरा नहीं हो रहा तो डॉक्टर से सलाह लेकर मैग्नीशियम सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।

महिलाओं में मैग्निशियम की कमी के लक्षण

क्योंकि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव और पीरियड्स की वजह से मैग्नीशियम की ज़रूरत थोड़ी ज्यादा होती है। इसकी कमी ना सिर्फ थकान लाती है। बल्कि पीरियड्स में ज्यादा दर्द, नींद की गड़बड़ी और यहां तक कि हड्डियों की कमजोरी तक का कारण बन सकती है। तो अगली बार जब शरीर बोले "मैं थक गया हूं" तो चुप मत रहिए। बल्कि अपनी प्लेट में झांकिए। कहीं मैग्निशियम मिस तो नहीं हो रहा!


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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