यह दवा बन सकता है मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लिए ज़हर

मलेरिया रोकथाम में नितिसिनोन दवा इवरमेक्टिन का बेहतर और सुरक्षित विकल्प साबित हो सकती है;

Update: 2025-03-31 11:59 GMT
नई दवा नितिसिनोन मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लिए ज़हर बन सकती है।

वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ बीमारी की दवा की पहचान की है, जो मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लिए ज़हर का काम कर सकती है। यह दवा, नितिसिनोन, आमतौर पर कुछ अनुवांशिक बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है, लेकिन अब इसे मलेरिया रोकने में कारगर पाया गया है।

यह दवा इवरमेक्टिन का विकल्प बन सकती है, जो अब तक मच्छरों की संख्या कम करने के लिए उपयोग होती थी।

मलेरिया रोकने का नया तरीका

मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होती है और एनोफिलीज़ मच्छरों के काटने से फैलती है। आमतौर पर, इवरमेक्टिन नाम की दवा मच्छरों की उम्र कम करने के लिए दी जाती है, लेकिन इसके ज़्यादा इस्तेमाल से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है और कुछ मामलों में मच्छरों में इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो सकती है।

हाल ही में, साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि नितिसिनोन दवा खाने वाले लोगों का खून मच्छरों के लिए ज़हरीला हो जाता है। यह तरीका मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को सीधे खत्म करने में मदद कर सकता है।

नितिसिनोन कैसे काम करता है?

नितिसिनोन का उपयोग अलकप्टोनूरिया और टायरोसीनेमिया टाइप 1 जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इन बीमारियों में शरीर को कुछ अमीनो एसिड को पचाने में दिक्कत होती है। यह दवा शरीर में एक खास एंजाइम को रोकती है, जिससे हानिकारक तत्व बनने से बचते हैं।

जब मच्छर नितिसिनोन वाले खून को चूसते हैं, तो यह दवा उनके शरीर में भी वही एंजाइम रोक देती है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग एनोफिलीज़ गैम्बीए मच्छरों पर किया, जो अफ्रीका में मलेरिया फैलाने का मुख्य कारण हैं। इस प्रयोग में पाया गया कि इस दवा के प्रभाव से बड़ी संख्या में मच्छरों की मौत हो गई।

इवरमेक्टिन से बेहतर विकल्प

नितिसिनोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह इवरमेक्टिन की तुलना में शरीर में लंबे समय तक बना रहता है। इसकी वजह से यह उन इलाकों में ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है, जहां इवरमेक्टिन का ज़्यादा इस्तेमाल हो चुका है या जहां मच्छरों ने इस दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।

इसके अलावा, मच्छर अब पारंपरिक कीटनाशकों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रहे हैं, लेकिन नितिसिनोन मच्छरों के सभी चरणों में असरदार बना रहता है।

सुरक्षित खुराक और पर्यावरण पर असर

हालांकि यह दवा मलेरिया नियंत्रण में बहुत मददगार हो सकती है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी सही खुराक तय करना ज़रूरी है ताकि इसका पर्यावरण पर कोई बुरा असर न पड़े।

अगर नितिसिनोन का मलेरिया रोकथाम में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, तो इससे इसकी कीमत कम हो सकती है और यह उन मरीजों के लिए सस्ती हो सकती है, जो दुर्लभ अनुवांशिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। फिलहाल, यह दवा ₹1,200 से ₹50,000 तक की कीमत में उपलब्ध है।

मलेरिया से बचाव का भविष्य

यह खोज मलेरिया रोकने के नए तरीकों में एक अहम कदम है। अगर मौजूदा दवाओं का सही तरीके से नया उपयोग किया जाए, तो मच्छरों की संख्या को कम किया जा सकता है और मलेरिया के प्रसार को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है।

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