गले में रेजर ब्लेड चलने जैसा तीखा दर्द हो रहा है तो समझो कोरोना है
कोविड-19 मामलों में एक गले के तेज दर्द का लक्षण सामने आ रहा है, जिसे razor blade throat कहा जा रहा है, खासकर चीन में। यह लक्षण डरावना लग सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह लक्षण हालिया वेरिएंट्स के लिए नया नहीं है।;
COVID-19 से संक्रमित मरीजों में एक तीव्र गले के दर्द की शिकायत बढ़ती जा रही है, जिसे कुछ लोग इस तरह बयान कर रहे हैं जैसे गले में रेज़र ब्लेड चल रहा हो। यह शब्दावली चीन में अधिक सुनने को मिल रही है, और अमेरिका में भी इसके प्रति चिंता दिख रही है, जैसा कि Google ट्रेंड्स पर “new COVID variant painful symptom” और “COVID razor throat” जैसे सर्च से पता चलता है।
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह लक्षण न तो नया है और न ही किसी विशेष वेरिएंट से जुड़ा है। डॉक्टरों के मुताबिक, गले में खराश कोविड के सामान्य लक्षणों में से एक है और यह पहले भी देखने को मिलता रहा है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रिवेंटिव मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. विलियम शाफनर के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, “जब-जब नए वेरिएंट्स आए हैं, हर बार यह सवाल उठता है कि क्या कोई नया लक्षण है। लेकिन जब अधिक डेटा इकट्ठा होता है, तो साफ होता है कि ये सभी लक्षण पहले भी देखे गए हैं।”
नेशनल ज्यूइश हेल्थ, कोलोराडो की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. कैरी हॉर्न ने भी कहा कि तेज गले की खराश लंबे समय से कोविड संक्रमण से जुड़ी रही है। उन्होंने कहा, “यह कोविड संक्रमण से जुड़ा एक पुराना लक्षण है।”
डॉ. शाफनर ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट्स के तहत बीमारियाँ आमतौर पर कम गंभीर रही हैं, और उन्होंने "रेज़र ब्लेड" शब्द भले न सुना हो, लेकिन दर्दनाक गले की शिकायतें जरूर सुनी हैं। यह लक्षण सभी में नहीं होता और यह वायरस के नए या खतरनाक रूप का संकेत नहीं है।
कोविड के लक्षण आम तौर पर समान
यूऑफएल हेल्थ, केंटकी के एक विशेषज्ञ डॉ. मार्क बर्न्स ने कहा, “कोविड संक्रमण को चिन्हित करने वाला कोई एक विशेष लक्षण नहीं होता। गले में खराश एक लक्षण है, लेकिन बुखार, खांसी और थकावट भी आम लक्षण हैं।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गले की खराश की तीव्रता किसी विशेष वेरिएंट से जुड़ी नहीं होती। “सभी लक्षण लगभग समान रहते हैं। गले की खराश हो या न हो, इससे वायरस की गंभीरता पर कोई फर्क नहीं पड़ता,” उन्होंने कहा।
बचाव और इलाज
डॉ. शाफनर के मुताबिक, कोविड संक्रमण साल में दो बार बढ़ता है – सर्दियों में और गर्मियों के मध्य से अंत तक। उन्होंने कहा कि सीडीसी की सलाह के अनुसार 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, पुरानी बीमारियों से ग्रस्त और गर्भवती महिलाओं को साल में दो बार वैक्सीन लगवानी चाहिए, एक बार पतझड़ में और दूसरी बार गर्मियों में।
डॉ. बर्न्स ने आगे कहा कि संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथ धोना और वेंटिलेशन बढ़ाना जरूरी है। संक्रमित होने पर तुरंत टेस्ट कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें, खासकर यदि आप हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं, क्योंकि इलाज उपलब्ध है।
डॉ. हॉर्न ने कहा कि दर्द और बुखार कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे आइबुप्रोफेन या पेरासिटामोल ली जा सकती हैं। साथ ही, पर्याप्त पानी पीना और हर्बल चाय जैसी चीज़ें लेना जरूरी है ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके और गले की सूजन कम हो सके।
उन्होंने कहा, “अगर आप बीमार हैं, तो अपने कीटाणु दूसरों से दूर रखें।” यानी सामाजिक आयोजनों से दूर रहें और ज़रूरत न हो तो काम पर न जाएं। अगर जाना जरूरी हो, तो टाइट फिटिंग मास्क ज़रूर पहनें।