जवां रहने के लिए, इस उम्र में महिलाओं को जरूर करना चाहिए केसर का यूज
एक खास उम्र में महिलाएं यदि केसर का सेवन डेली लाइफ में करें और सही से करें तो लंबे समय तक जवां बने रहने में मदद मिलेगी। साथ ही इनका एनर्जी लेवल भी हाई रहेगा...;
Saffron Benefits For Women: हर कोई किसी न किसी मानसिक तनाव, थकान या असंतुलित जीवनशैली का शिकार हो रहा है। ऐसे में खुद को भीतर से मजबूत बनाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। महिलाओं की लाइफ में मेंटल और फिजिकल हेल्थ से जुड़े चैलेंज आमतौर पर 30 की उम्र में ही आने लगते हैं। ऐसे में केसर (Crocus sativus) जैसा चमत्कारी मसाला, गजब का रोल प्ले कर सकता है। ये ना केवल जवां बने रहने में मदद करती है बल्कि कई बीमारियों से बचाती भी है...
मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर केसर का कमाल
हमारे आयुर्वेद में इसे ‘वीर्यवर्धक’ और ‘मनोबल बढ़ाने वाला’ बताया गया है। यानी ये फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए बहुत इंप्रेसिव तरीके से काम करती है। यही नहीं, मॉडर्न साइंस भी इस बात को स्वीकार करती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि केसर में मौजूद क्रोसिन, पिक्रोक्रोसिन और सैफ्रानाल जैसे तत्व मूड को बेहतर बनाते हैं और थकान को दूर करने में मदद करते हैं। ये तत्व हमारे ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे, डोपामिन और सेरोटोनिन को संतुलित करते हैं, जो तनाव, चिड़चिड़ापन और मानसिक अस्थिरता को दूर रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
एनर्जी लेवल को बूस्ट करे
मन की स्थिति का हमारी शारीरिक सेहत पर गहरा असर होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने नियमित रूप से केसर का सेवन किया, उनमें थकावट और बेचैनी की समस्याएं कम पाई गईं। इसके अलावा, फार्माकोलॉजी बायोकैमिस्ट्री एंड बिहेवियर में प्रकाशित एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि केसर का सेवन शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे ऊर्जा के स्तर में भी सुधार होता है। तो, अगर आप भी थकावट और आलस्य महसूस करती हैं, तो केसर का सेवन आपको ताजगी और ऊर्जा का एहसास दिला सकता है।
पाचन और नींद पर भी केसर का असर
केसर शरीर को भी संतुलित करता है। पारंपरिक चिकित्सा में इसे पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला माना जाता है और जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केसर के सेवन से पाचन एंजाइम्स सक्रिय होते हैं, जिससे भोजन जल्दी और सही तरीके से पचता है। अगर आपको पेट की समस्याएं जैसे सूजन, गैस या कब्ज़ रहती हैं तो केसर इसका भी समाधान हो सकता है।
अब बात करते हैं नींद की। अगर आप भी रात को नींद की कमी महसूस करती हैं तो इसके लिए भी केसर बेहतरीन उपाय हो सकता है। स्लीप एंड बायोलॉजिकल रिदम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह सामने आया कि केसर युक्त दूध पीने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। इससे आपके शरीर की जैविक घड़ी (बायॉलजिकल क्लॉक) को संतुलित करने में मदद मिलती है और आपको गहरी और शांत नींद आती है।
कैसे करें केसर को अपनी डेली लाइफ में शामिल?
सुबह: खाली पेट 5-6 केसर के धागे गुनगुने पानी में भिगोकर पिएं। यह आपके शरीर को दिनभर की ऊर्जा प्रदान करेगा।
रात: सोने से पहले गर्म दूध में केसर डालकर पिएं, ताकि नींद और पाचन दोनों बेहतर हों।
खाने में: पुलाव, खीर या हलवे जैसी रेसिपीज में केसर डाल सकते हैं, ताकि स्वाद और सेहत दोनों का आनंद मिल सके।
चाय में: अपनी ग्रीन टी या हर्बल ड्रिंक में केसर डालें, यह एक हेल्दी ट्विस्ट देगा।
इस उम्र में महिलाएं जरूर करें सेवन
महिलाओं में आमतौर पर 30 से 40 साल की उम्र के बीच लिबिडो (सेक्स डिजायर) में थोड़ा बदलाव देखा जा सकता है। इस समय हार्मोनल परिवर्तन, जैसे प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटने लगता है, जो सेक्सुअल इच्छाओं को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इस उम्र में काम, परिवार और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बढ़ने से मानसिक तनाव और थकान भी लिबिडो को कम कर सकते हैं। इसलिए इस उम्र में केसर को अपनी डेली डायट में शामिल करके हॉर्मोनल बैलेंस बनाए रखने, मेंटली और फिजिकली हेल्दी रहने में मदद मिलती है।
मेनोपॉज और 50 की उम्र के बाद भी महत्वपूर्ण
मेनोपॉज (Menopause) के बाद, जब महिलाओं के शरीर में ओवरीज एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का उत्पादन कम कर देती हैं तो सेक्स ड्राइव में और अधिक कमी देखी जाती है। साथ ही इस उम्र में महिलाओं को योनिशोथ (vaginal dryness), गर्मी के एहसास (हॉट फ्लैशेज) और नींद में कमी जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं, ये कंडीशन सेक्सुअल इच्छाओं पर असर डालती हैं। इन सभी से निपटने में भी केसर का नियमित सेवन बहुत हेल्पफुल होता है।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।