नाश्ते में नहीं खानी चाहिए ये चीजें, दिनभर लगेगा आलस और खराब होगी सेहत
सही नाश्ता बॉडी और ब्रेन दोनों को एनर्जी देने का काम करता है। लेकिन अगर नाश्ते में गलत फूड्स का चुनाव किया जाए तो दिनभर काम करने की एनर्जी मिलने की जगह आलस आएगा;
Not To Eat In Breakfast: वैज्ञानिक अध्ययनों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। 'Frontiers in Nutrition' जर्नल में प्रकाशित 2021 की एक स्टडी के अनुसार, एक संतुलित नाश्ता मेटाबॉलिक स्वास्थ्य, ब्लड शुगर नियंत्रण और संपूर्ण मानसिक प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। लेकिन यदि नाश्ते में गलत खाद्य पदार्थ लिए जाएं तो यह शरीर में सूजन, वजन बढ़ना और हॉर्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। आइए विस्तार से जानें कि किन चीज़ों को नाश्ते में खाने से बचना चाहिए...
प्रोसेस्ड शुगर युक्त अनाज (Sugary Cereals)
अधिकतर पैकेज्ड ब्रेकफास्ट सीरियल्स में 20% से ज्यादा चीनी होती है। 'Harvard T.H. Chan School of Public Health' की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाई शुगर ब्रेकफास्ट इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापे का खतरा बढ़ा सकता है। सुबह-सुबह अचानक ब्लड शुगर स्पाइक करना पूरे दिन की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
सुझाव: हाई फाइबर और बिना मीठे होल ग्रेन सीरियल्स का चयन करें।
डीप फ्राइड फूड्स (Deep Fried Foods)
नाश्ते में तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में ट्रांस फैट्स की मात्रा बढ़ती है। 'American Journal of Clinical Nutrition' की एक रिसर्च बताती है कि ट्रांस फैट का अत्यधिक सेवन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज़ के जोखिम को 23% तक बढ़ा सकता है। सुबह का भोजन यदि भारी और वसायुक्त हो तो पेट फूलने, अपच और दिनभर lethargy महसूस हो सकती है।
सुझाव: भाप में पकाए गए या कम वसा वाले आहार जैसे इडली, पोहा या दलिया चुनें।
खाली पेट केवल कॉफी पीना (Just Coffee for Breakfast)
एक 2020 की स्टडी ('British Journal of Nutrition') के अनुसार, खाली पेट कॉफी पीने से शरीर का कोर्टिसोल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हॉर्मोनल असंतुलन और डाइजेस्टिव समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, खाली पेट कैफीन लेने से हाइपरएसिडिटी और पेट की सूजन की संभावना भी बढ़ जाती है।
सुझाव: कॉफी का सेवन हल्के, पोषक आहार के साथ करें जैसे, ओट्स या अंडे के साथ।
अधिक रिफाइंड कार्ब्स का सेवन (Refined Carbs)
व्हाइट ब्रेड, पेस्ट्री और डोनट्स में न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है और ये खाली कैलोरीज़ प्रदान करते हैं। 'Journal of the American College of Cardiology' के अनुसार, अत्यधिक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन टाइप 2 डायबिटीज़ और कोरोनरी हार्ट डिजीज़ के जोखिम को बढ़ा सकता है।
सुझाव: मल्टीग्रेन ब्रेड, बाजरा या ओट्स को प्राथमिकता दें।
पैकेज्ड जूस और शुगरी ड्रिंक्स (Packaged Juices and Sugary Drinks)
पैकेज्ड जूस में फाइबर न के बराबर होता है और शुगर की अधिकता होती है। 'BMJ' जर्नल में छपी एक स्टडी के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से मीठे पेय पीते हैं, उनमें समय से पहले मृत्यु का जोखिम 11% तक बढ़ जाता है। सुबह के समय ब्लड शुगर में अचानक उछाल वजन बढ़ने का मुख्य कारण बन सकता है।
सुझाव: ताजे फलों का सेवन करें या बिना चीनी का ताजा जूस बनाएं।
सही नाश्ते से मिलती है लॉन्ग लास्टिंग फिटनेस
यह स्पष्ट है कि नाश्ते में पोषण संतुलन अत्यंत आवश्यक है। यदि नाश्ते में खाली कैलोरीज़, प्रोसेस्ड शुगर और ट्रांस फैट्स का सेवन किया जाए तो न केवल दिनभर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। बल्कि दीर्घकालीन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
इसके विपरीत, एक संतुलित नाश्ता- जिसमें प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स और नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल हों- शरीर को ऊर्जा देता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है। याद रखें "सही नाश्ता सिर्फ पेट भरने का नहीं, शरीर और मस्तिष्क दोनों को पोषण देने का माध्यम है।"
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।